
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर सुलगा विवाद ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक ओर करणी सेना ने फिल्म के खिलाफ मुहिम छेड़ रखा है, वहीं राजस्थान की महिलाएं भी फिल्म का विरोध कर रही हैं. इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ को लेकर देशभर में फिल्म 'पद्मावती' को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों के मद्देनजर फिल्म निर्माताओं ने पद्मावती की रिलीज को फिलहाल के लिए टाल दिया है.
पद्मावती को लेकर देशभर में छिटपुट घटनाएं हो रही हैं, लेकिन हद तो तब हो गई जब बीजेपी के एक नेता ने संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने और सर काटने वाले के परिवार का भी ख्याल रखने की घोषणा कर दी.
दरअसल, यह बीजेपी नेता हरियाणा का सूरजपाल अम्मू है. सूरजपाल अम्मू के इस खुलेआम धमकी पर बॉलीवुड एकजुट हो गया है और उनका गुस्सा फूट पड़ा है. ट्विटर पर बॉलीवुड के कई सितारों ने सूरजपाल के बयान के खिलाफ ट्वीट किए.
सूरजपाल अम्मू के बयान पर बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा 'इस तरह की घटनाओं से मैं आश्चर्यचकित हूं और ऐसे भारतीयों पर शर्मिंदा हूं'.
वहीं बीजेपी नेता के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए ट्विंकल खन्ना ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'देश जानना चाहता है कि गला काटने के लिए इस 10 करोड़ रुपए के इनाम में क्या जीएसटी शामिल है?'
वहीं, बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन जो कि अक्सर सोशल मीडिया पर अलग-अलग मुद्दों पर आवाज उठाते रहते हैं, उन्होंने भी बीजेपी नेता के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. वरुण धवन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह विरोध नहीं है यह धमकी है.
अगर ये धमकी किसी खिलाड़ी या किसी महत्वपूर्ण बडे़ बिजनेसमैन को दी गई होती तो सोचिए क्या होता. बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह सब सुनना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे लोगों को क्या इंसान कहा जाता है?"
बीजेपी नेता सूरजपाल अम्मू के बयान पर बॉलीवुड ने ही नहीं, बल्कि दिल्ली महिला आयोग की मुखिया स्वाति मालीवाल ने भी निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "कौन है यह मूर्ख और यह अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ, कहां है पुलिस? क्यों ऐसे लोगों को कानून और व्यवस्था तोड़ने की इजाजत दी जा रही है. हम कब से तालिबान बन गए? क्या यही लोकतंत्र है?