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बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैमिली हाईकोर्ट के एक फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें पत्नी के पार्टी करने के आधार पर दंपति के तलाक को मंजूरी मिल गई थी. महिला के पति ने दलील दी थी कि उसकी पत्नी अक्सर पार्टी में जाया करती थी और उससे बद्तमीजी से पेश आती थी.
नवी मुंबई के रहने वाले 42 साल के राजेश चावला (बदला हुआ नाम) ने दलील दी थी कि उसकी पत्नी सीमा (बदला हुआ नाम) अक्सर देर रात तक पार्टी करती थी. उसने यह भी आरोप लगाया कि कई मौकों पर उसकी पत्नी ने दुर्व्यवहार किया है. हाईकोर्ट में तलाक की अर्जी पर सुनवाई के दौरान जस्टिस एमएल तहिलियानी ने कहा, 'मौजूदा सामाजिक परिवेश में कुछ हद तक लोगों से घुलना मिलना जरूरी है. लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो सके कि सीमा नशे में धुत होकर देर रात घर लौटती हो.'
'एक दिन खुद पति महिला मित्र संग लौटा था घर'
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पेश किए गए सबूतों के आधार पर यह भी नोट किया कि राजेश भी पार्टी करता था और एक दिन नशे में धुत अपनी महिला मित्र को घर भी
लेकर आया था. कोर्ट ने कहा, 'इससे साफ है कि राजेश और सीमा दोनों पार्टी में जाते हैं. इसलिए ये नहीं माना जा सकता कि पार्टी करके सीमा ने राजेश को किसी तरह
से मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना दी हो.'
चार साल पहले फैमिली कोर्ट ने दी तलाक को मंजूरी
चावला ने साल 2008 में तलाक की अर्जी दी थी. साल 2011 में फैमिली कोर्ट ने दंपति की तलाक पर मुहर लगा दी. लेकिन पत्नी ने जब इस फैसले को एपिलेट कोर्ट में
चुनौती दी तब फैसला पत्नी के हक में आया. कोर्ट ने इनकी तलाक पर रोक लगा दी जिसके बाद पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.