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'वाट्सएप' में लेखक के जीवन का अंश

कथाकार रामनाथ राजेश की प्रकाशित कहानी संग्रह 'वाट्सएप' की कहानियां भी मन को गहराई तक छू लेने की क्षमता रखती हैं.

अमित कुमार दुबे/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

हिंदी साहित्य में कहानी विधा हमेशा से पाठक वर्ग पर एक अलग छाप छोड़ती आई है. कहानियां कभी गुदगुदाती तो कभी अंतर्मन को झकझोरती रही हैं. कथाकार रामनाथ राजेश की प्रकाशित कहानी संग्रह 'वाट्सएप' की कहानियां भी मन को गहराई तक छू लेने की क्षमता रखती हैं, बल्कि ये तो लेखक के जीवन का अंश ही हैं.

'वाट्सएप' में 11 कहानियों की संग्रह
पेशे से पत्रकार रामनाथ राजेश की किताब 'वाट्सएप' ऐसे समय में पाठकों के बीच आई है, जब वाट्सएप लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है. इस कहानी संग्रह में कुल 11 कहानियां हैं, जिन्हें बड़े कायदे से एक सूत्र में पिरोकर पेश किया गया है. पुस्तक का नाम भी 21वीं सदी के युवाओं को ध्यान में रखकर बिल्कुल सटीक रखा गया है. इस पुस्तक में युवाओं सहित हर उम्र के पाठक वर्ग के लिए कुछ न कुछ संदेश है. रामनाथ राजेश की लेखनी ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब एक अध्ययनशील पत्रकार लेखक की भूमिका में आता है तो तथ्यों और विश्लेषणों का अद्भुत समायोजन पेश करता है.

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लेखक ने निजी अनुभवों को कागज पर उतारा
ये कहानियां बदलते सामाजिक और आर्थिक परिवेश का आइना हैं. 'वाट्सएप' की प्रत्येक कहानी का कथानक एक-दूसरे से कमोबेश भिन्न है, लेकिन ये कहानियां एक-दूसरे से भिन्न होते हुए भी पाठकों को अंत तक बांधे रखने में कामयाब हुई हैं. पुस्तक की खास बात यह कि लेखक ने अपने जीवन के कुछ निजी अनुभवों को कहानियों के रूप में पेश किया है. कुछ प्रमुख कहानियों की बात करें तो पहली कहानी 'बंद के आगे का रास्ता' में शहर में बंद के बीच अपने पति की जिंदगी के लिए जूझती महिला की करुणा झकझोरने वाली है.

किताब में कुछ डायलॉग भी जानदार
'रिपोर्टर' कहानी में पेशेवर और निजी जिंदगी के बीच चक्की में पिसते एक रिपोर्टर की भावनाओं को बड़े ही सलीके से पेश किया गया है. कहानी का नायक रिपोर्टर फ्लैशबैक में अपने प्यार के साथ बिताए पलों को याद करता है. इस कहानी का एक डायलॉग 'मेरी किरण जिंदा है' जैसे आपको अंदर तक झकझोर देने के लिए काफी है. पुस्तक की एक अन्य कहानी 'हरमिया' को इस पुस्तक की प्राणवायु माना जा सकता है. आईएएस बनने की चाह रखने वाला युवा बिचौलियों के बीच फंसते हुए किस तरह हरमिया बनने को मजबूर होता है. अपने सपनों को अपनी आंखों के सामने टूटते देखना किस कदर कष्टदायी होता है, लेखक इसके अपनी लेखनी से पन्नों पर उतारने में सफल रहे हैं.

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हर वर्ग के लिए किताब में कुछ खास
इसी तरह 'वाट्सएप' कहानी में वाट्सएप से पिता-बेटी के जिंदगी में आए बदलावों और उन बदलावों से रिश्तों में उतार-चढ़ाव से पाठक वर्ग अछूता नहीं रह पाएगा. कुल मिलाकर जिंदगी के उत्साह, उम्मीद, निराशा, तनाव आदि विविध गाढ़े-फीके रंगों और उन पर मनुष्य की प्रतिक्रियाओं का बखूबी चित्रण इन कहानियों में किया गया है. इसी तरह अन्य कहानियों में 'केंचुल', 'कटनिहार', 'फेनुस', 'एक अनजाने गांव' जैसी कहानियां कहीं आपको रोने, कहीं हंसने और कहीं-कहीं सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं.

नये लेखकों के लिए ये किताब प्रेरणादायक
कहानियों की भाषा-शैली की बात करें तो रामनाथ राजेश की भाषा काफी लचीली है, जिसमें वे बातचीत के अंदाज में ही अपनी बातें बड़ी सहजता से कहने में सक्षम हैं. बहरहाल कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि रामनाथ राजेश की इस पुस्तक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपनी बनावट (डिजाइन) में एकदम अनूठी है. इस एक ही पुस्तक में विभिन्न पाठक वर्गों के लिए कुछ न कुछ मौजूद है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक किसी को भी यह निराश नहीं करने वाली है. उम्मीद है कि इस पुस्तक से अन्य लेखकों को भी कुछ नया, बदलते जमाने को ध्यान में रखकर रचने की प्रेरणा मिलेगी.

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किताब: वाट्सएप
लेखक: रामनाथ राजेश
प्रकाशक: बुकमार्ट पब्लिशर्स
पृष्ठ: 144
मूल्य: 250 रुपये

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