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MP: क्या सुमित्रा महाजन और विजयवर्गीय के कारण अटकी BJP की लिस्ट?

ऐसी चर्चा है कि इंदौर में सुमित्रा महाजन अपने बेटे मंदार और विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश को टिकट दिलाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. इस कारण इंदौर में सीट का गणित गड़बड़ाया हुआ है. इंदौर की क्षेत्र क्रमांक एक से पांच, महू, राऊ, देपालपुर और सांवेर की सीट शामिल है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन.
आदित्य बिड़वई
  • इंदौर ,
  • 06 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST

मध्य प्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी ने 17 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की, लेकिन इसमें भी इंदौर और भोपाल की गोविंदपुरा की सीट को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटों को लेकर इंदौर की सीटों पर खींचतान चल रही है.

दरअसल, ऐसी चर्चा है कि इंदौर में सुमित्रा महाजन अपने बेटे मंदार और विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश को टिकट दिलाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं.

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इस कारण इंदौर में सीट का गणित गड़बड़ाया हुआ है. इंदौर की क्षेत्र क्रमांक एक से पांच, महू, राऊ, देपालपुर और सांवेर की सीट शामिल है. जबकि भोपाल की गोविंदपुरा व उत्तर सीट पर भी पेंच फंसा हुआ है.

पार्टी टिकट देगी तो जरूर लडूंगा...

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर ने सोमवार को कहा था कि पार्टी अगर इस बार भी उन्हें टिकट देगी तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे. इस बीच, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की 177 उम्मीदवारों की पहली सूची के बाद सोमवार को 17 उम्मीदवारों की नई सूची जारी कर दी थी.

लेकिन नई सूची में भी भोपाल की गोविंदपुरा सीट को होल्ड पर रखा गया है और सारा पेंच इसी पर आकर फंस गया है. बीजेपी की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली सीट पर बाबूलाल गौर  10 बार से विधायक हैं. इसी मसले पर आजतक ने उनसे बात की. गौर ने साफ कहा कि हाल ही में कार्यकर्ता महाकुंभ के लिए भोपाल आए पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था 'बाबूलाल गौर, एक बार और'.

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ऐसे में जब पीएम का आशीर्वाद मिल गया तो वो चुनाव क्यों नही लड़ेंगे. गौर ने कहा कि बीजेपी से टिकट मिला तो वह चुनाव जरूर लड़ेंगे. हालांकि, गोविंदपुरा से निर्दलीय चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. टिकट न मिलने पर बगावत करने के सवाल पर गौर ने कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें शून्य से मुख्यमंत्री तक पहुंचाया उसके खिलाफ वह बगावत कैसे करेंगे. 

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