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BRICS में मोदी ने अलग से उठाया आतंकवाद का मुद्दा, बोले - शांति के लिए सहयोग जरूरी

इस साल ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी चीन कर रहा है और इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा चीन के श्यामन शहर पहुंचे हैं.

चीनी राष्ट्रपति ने किया पीएम मोदी का स्वागत चीनी राष्ट्रपति ने किया पीएम मोदी का स्वागत
सुरभि गुप्ता
  • श्यामेन, चीन ,
  • 04 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए चीन में हैं. पीएम ने ब्रिक्स बैठक में बोलते हुए कहा कि सभी देशों में शांति के लिए ब्रिक्स देशों का एकजुट रहना जरूरी है. इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया. बता दें कि ये ब्रिक्स का 9वां सम्मेलन है. ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं. PM मोदी ने सोमवार को ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे.

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BRICS में नहीं चली चीन की, भारत की पहल पर घोषणापत्र में लश्कर, जैश का जिक्र

ब्रिक्स समिट के लाइव अपडेट्स (लगातार रिफ्रेश करते रहें) -

- पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर से द्विपक्षीय वार्ता की.

- पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से भी मुलाकात की.

 

 - सूत्रों की मानें, तो भारत ने ब्रिक्स समिट में आतंकवाद का मुद्दा उठाया है. ब्रिक्स फोरम में बोलने के बाद भारत ने अलग से यह मुद्दा उठाया.

- शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया में जो भी मुद्दे इस समय चल रहे हैं, वह हमारे हिस्सेदारी के बिना निपट नहीं सकते हैं.

- चीनी राष्ट्रपति ने ऐलान किया कि वह ब्रिक्स देशों में बिजनेस ऑपरेशन, विकास को बढ़ावा देने के लिए 4 मिलियन यूएस डॉलर की मदद करेंगे.

- शी जिनपिंग ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय स्थिति में हमारे बीच मतभेदों के बावजूद हम पांचों देश विकास के क्षेत्र में समान स्टेज पर हैं. हम सभी देशों के एक ही आवाज में सभी की समस्याओं को लेकर बोलना चाहिए, ताकि विश्व में शांति और विकास आगे बढ़ सके.

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- बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया के हालात को देखते हुए, ब्रिक्स देशों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.

 

घोषणापत्र में आतंकवाद का जिक्र

ब्रिक्स समिट में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया. ब्रिक्स श्यामन घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई है. इसमें लिखा गया है कि हम लोग आस-पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं. इन इलाकों में तालिबान, ISIL, अल-कायदा से खतरा है. वहीं ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेक्सितान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल उत तहरीर का जिक्र किया गया है. 

आपको बता दें कि चीन लगातार पाकिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगाता रहा है. लेकिन ब्रिक्स के घोषणापत्र में इनका जिक्र होना भारत के लिए बड़ी सफलता है.

ब्रिक्स बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने प्रेस को संबोधित किया. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पीएम ने ब्रिक्स की बैठक में सभी देशों को एकजुटता से निर्णय लेने की अपील की. पीएम मोदी ने सुरक्षा परिषद में बदलाव की भी बात की. इसके अलावा पीएम ने मनी लॉन्ड्रिंग, काला धन का मुद्दा सभी देशों के सामने उठाया.

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ब्रिक्स बैठक में क्या बोले पीएम मोदी -

- ब्रिक्स बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के पांचों देश अभी समान स्तर पर हैं. विश्व में शांति के लिए सहयोग जरूरी है, एकजुट रहने पर ही शांति और विकास होगा.

- पीएम ने कहा कि हमने अपने देश में काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है. हमारा लक्ष्य स्मार्ट सिटी, स्वास्थय, विकास, शिक्षा में सुधार लाना है. ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देना शुरू कर दिया है, जिसका सही उपयोग होना चाहिए. मोदी ने कहा कि हमारा देश युवा है यही हमारी ताकत है. हमने गरीबी से लड़ने के लिए सफाई का अभियान छेड़ा है. पीएम ने कहा कि ब्रिक्स की मजबूत पार्टनरशिप से ही विकास होगा.

यह सम्मेलन चीन के श्यामन में हो रहा है. इस दौरान मेजबान राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा का औपचारिक स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच खासी गर्मजोशी देखने को मिली.

उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम का मुद्दा

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इस सम्मेलन में उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम टेस्ट के मुद्दे के छाए रहने के आसार हैं. भारत समेत ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण का कड़ा विरोध किया है.

PAK प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार को चीन पहुंचे. इस सम्मेलन में भारत आतंकवाद का मुद्दा उठा सकता है. वहीं PAK प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाने से पहले चीन ने पाकिस्तान का बचाव करते हुए कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान पर चर्चा उपयुक्त नहीं है. बताया जा रहा है कि इस समिट में भारत गोवा शिखर सम्मेलन के मुद्दों को आगे बढ़ाएगा. वहीं आज पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी.

सदस्य देशों को मतभेद दूर करने की सलाह

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों को ‘ज्वलंत मुद्दों’ के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए. शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा कि मुद्दों के हल का आधार ‘शांति और विकास’ होना चाहिए क्योंकि विश्व ‘संघर्ष और टकराव’ नहीं चाहता. उन्होंने कहा, ‘हम ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.'

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डोकलाम विवाद के बाद PM मोदी की जिनपिंग से मुलाकात

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम विवाद के बाद पहली बार चीनी राष्ट्रपति से मिलेंगे. कल यानी 5 सितंबर को दोनों नेताओं की अलग से मुलाकात भी तय है. मोदी से मिलने के पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सकारात्मक संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को साझा और मजबूत सुरक्षा पर आधारित वैश्विक शांति और स्थिरता को बरकरार रखना चाहिए.

द्विपक्षीय बैठकें करने का मौका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऐसे समय पहुंचे हैं, जब कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर 73 दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हुआ है और दोनों देशों ने अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने पर सहमति जताई. मोदी ने ब्रिक्स पर कहा कि उनके पास ब्रिक्स सम्मेलन के इतर नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का मौका है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत ब्रिक्स की भूमिका को बहुत महत्व देता है, जिसने प्रगति और शांति के लिए अपनी साझेदारी का दूसरा दशक शुरू किया है. विश्व में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है.’ मोदी ने कहा कि पांच सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में होने वाली ‘ब्रिक्स इमर्जिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्री डायलाग’ में वह ब्रिक्स के साझेदारों समेत नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ बातचीत को लेकर उत्सुक हैं. उन्होंने बताया, ‘हम ब्रिक्स बिजनेस परिषद के साथ भी रूबरू होंगे.’

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