
'जहां सोच, वहां शौचालय.' वैसे तो स्वच्छ भारत मिशन के विज्ञापनों में अभिनेत्री विद्या बालन यह संदेश देती नजर आती हैं. लेकिन महाराष्ट्र में एक दुल्हन ने इसकी जीती जागती मिसाल पेश की है. अकोला की रहने वाली चैताली डी. गलाखे शुक्रवार को दहेज में एक चलता फिरता रेडिमेट टॉयलेट लेकर अपने ससुराल पहुंची.
दरअसल, कुछ हफ्तों पहले चैताली की शादी यवतमाल के देवेंद्र मखोडे के साथ तय हुई थी. रिश्ता पक्का होने के बाद उसे पता चला कि उसके होने वाले ससुराल में शौचालय नहीं है. फिर क्या था वो सीधा अपने मां-बाप के पास पहुंची और कहा, 'मुझे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सोने के गहने नहीं चाहिए. मैं एक रेडीमेड टॉयलेट चाहती हूं, जिसे मैं अपने साथ ससुराल ले जा सकूं.'
शुरुआत में तो चैताली के पिता दिलीप गलाखे को बेटी की मांग अजीब लगी. लेकिन फिर घरवालों ने फैसला किया कि चैताली की खुशी के लिए उसकी बात मान ली जाए. उसके बाद चैताली के लिए एक स्थानीय मैन्युफैक्चरर कंपनी से रेडिमेड शौचालय मंगवाया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' से जुड़े एक स्वयंसेवी ने इस काम की जिम्मेदारी ली. उन्होंने कहा, 'मैंने रेडीमेड शौचालय तैयार किया और सिर्फ शुद्ध लागत का खर्च जोड़कर 12,000 रुपये में लड़की के परिवार को सौंप दिया.'
इस शादी समारोह में दोनों पक्ष (दूल्हा एवं दुल्हन) की ओर से मौजूद लड़कियों ने चैताली के शौचालय की मांग करने के साहस की सराहना की और इसे बाकी लड़कियों के लिए प्रेरणादायक बताया.
IANS से इनपुट