
रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के जमीन सौदों के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ढींगरा कमीशन के सामने दूसरी बार भी पेश नहीं हुए. इससे पहले हुड्डा को 21 को पेश होना था लेकिन उन्होंने शुक्रवार तक का समय मांगा था. शुक्रवार को हुड्डा की जगह उनके वकील कमीशन के सामने पेश हुए.
नोटिस में आरोपों का जिक्र नहीं
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि ढींगरा कमीशन ने सिर्फ नोटिस भेजा था ये नहीं बताया कि किस बारे में बुलाया है. नोटिस के साथ कोई कम्प्लेंट नहीं भेजी इसलिए वे नहीं आए. वकील ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा को मालूम ही नहीं कि उनके खिलाफ क्या जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि कमीशन ने जल्दबाजी में पूर्व मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा.
आयोग ने भेजा था नोटिस
रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लैंड डील मामले की जांच कर रहे जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग ने हुड्डा को नोटिस भेजकर 25 मार्च को गुडगांव स्थित आयोग के मुख्यालय में पेश होने को कहा था. हुड्डा को शिकोहपुर, सिंकदरपुर बड़ा और खेड़की दौला गांव में दिए गए सीएलयू और जमीनों के लाइसेंस के मामले में गवाही के लिए बुलाया गया था. हुड्डा को नोटिस इसलिए दिया गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग मंत्रालय भी उनके पास ही था.
अशोक खेमका ने उजागर किया था घोटाला
आईएएस अशोक खेमका ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील में घोटाले को उजागर किया था. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने पिछले साल मई माह के दौरान वाड्रा लैंड डील में कथित घोटाले की जांच के लिए जस्टिस ढींगरा आयोग का गठन किया था. आयोग द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है. आयोग को छह माह के लिए एक्सटेंशन दी गई है.