
बोधगया में बाल बौद्ध भिक्षुओं के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने के आरोपी भिक्षु को गुरुवार को गया कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया.
आरोप है कि गौतम बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में बुद्धिस्ट शिक्षा देने के नाम पर संस्था का संचालक बौद्ध भिक्षु संजोय बाल भिक्षुओं के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता था. मामले में संजोय को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था.
गया एसएसपी के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया और सभी 15 बाल बौद्ध भिक्षुओं का मेडिकल कराया गया. ये सभी बाल बौद्ध भिक्षु असम के रहने वाले हैं, जबकि प्रजना ज्योति सोशल वेलफेयर ट्रस्ट संस्था का संचालक बौद्ध भिक्षु संजोय बांग्लादेश का रहने वाला है.
गया एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया, 'पुलिस को मामले की शिकायत मिलने के बाद पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह मामला बेहद संवेदनशील है, जिसके चलते इसकी जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है.'
उन्होंने कहा कि मामले में कुछ बच्चे सामने आए हैं और घटना के बारे में बताया है. कुछ ऐसे बच्चे भी हैं, जिनको हिंदी और इंग्लिश नहीं आती है. लिहाजा स्थानीय लोगों की मदद से उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं. मिश्रा ने बताया कि संस्था में कुल 32 बच्चे थे, जिनमें से 15 बच्चों के परिजन आए हुए थे, जो बच्चों को लेकर जा रहे थे. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और संस्था में मौजूद 17 बच्चों सुरक्षा में ले लिया गया.
उन्होंने कहा कि CWC जैसा निर्देश जारी करेगा, वैसा हम करेंगे. अभी तक कुल आठ बच्चों ने अप्राकृतिक यौनाचार की बात बताई है. इन बच्चों से बात की जा रही है, लेकिन भाषा की दिक्कत हो रहा है. वहीं, संस्था में लगे CCTV को जब्त करके लिया गया है. बताया जा रहा है कि यह संस्था आठ महीने से संचालित हो रहा था.
बोधगया को गौतम बुद्ध की ज्ञानस्थली कहा जाता है, लेकिन भिक्षु संजोय ने यहां पूरे बौद्ध समुदाय को कलंकित कर डाला है. आरोप है कि वह बाल भिक्षुओं के साथ कुकर्मों को अंजाम दिया करता था. 15 दिन पहले इस भिक्षु के कारनामों से तंग आकर एक बच्चा संस्था छोड़कर भाग गया था.
हालांकि जब इसकी जानकारी उसके परिजनों को मिली, तो पास में रह रहे दूसरे बच्चे के परिजन अपने बच्चे को वापस लेने बोधगया पहुंचे. परिजनों ने इस भिक्षु से अपने बच्चों को वापस ले जाने को कहा. साथ ही सभी बाल भिक्षुओं ने भी वहां रहने से इनकार कर दिया. इसके बाद इस पूरी घटना का खुलासा हुआ.
मामले में तीन अन्य भिक्षुओं के साथ तीन स्थानीय लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. इस घटना को लेकर गुरुवार को इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल ने बीटीएमसी ने आपात बैठक की, जिसमें सभी ने घटना की निंदा की. महासचिव भंते प्रज्ञा दीप ने कहा कि आरोपी भिक्षु आईबीसी का सदस्य नहीं है. वह स्वतंत्र रूप से संस्था चला रहा था.