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टैक्स छूट के लिए दीर्घावधि बचत की सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जाए : एसोचैम

उद्योग संघ एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने सरकार से आग्रह किया कि टैक्स छूट बचत की सीमा वर्तमान 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जाए.

मानक कटौती को फिर लागू करने की मांग मानक कटौती को फिर लागू करने की मांग
स्वाति गुप्ता/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

उद्योग मंडल एसोचैम ने टैक्स छूट के लिए दीर्घावधि बचत की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की मांग की है. इसके अलावा उद्योग मंडल ने घरेलू मांग बढ़ाने के उद्देश्य से वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को फिर लागू करने की मांग की है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2016-17 के लिए शेयरधारकों से विचार विमर्श शुरू किया है. एसोचैम ने सरकार को दीर्घावधि की बचत पर टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है.

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बढ़ सकती है 'होम लोन' पर कर कटौती की सीमा
एसोचैम का यह सुझाव है कि इसके अलावा वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को फिर से लागू किया जाना चाहिए. इससे खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा एसोचैम ने होम लोन पर ब्याज कटौती की सीमा को भी मौजूदा के दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने की मांग की है.

बढ़ सकती है रिपेमेंट की सीमा
वहीं मूल ऋण के रिपेमेंट के लिए भी यह सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है. उद्योग मंडल ने मानक कटौती के लिए अपनी दलील में कहा है कि कर्मचारियों का वेतन मुद्रास्फीति और अन्य लागत कारकों के साथ बढ़ा है. ऐसे में वेतनभोगियों के लाभ के लिए मानक कटौती को एक-तिहाई वेतन या दो लाख रुपये जो भी कम हो, फिर से लागू किया जाना चाहिए.

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