
आप बजट को 2020 पसंद करें या नापसंद, लेकिन यह साफ है कि इसमें पीएम मोदी की स्पष्ट छाप दिखती है. बजट तैयार होने से पहले पीएम मोदी ने खुद विभिन्न पक्षों के साथ 100 घंटे तक मंथन किया था. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने हमारे सहयोगी प्रकाशन बिजनेस टुडे को यह जानकारी दी है.
बजट से पहले पीएम मोदी इंडस्ट्री जगत के दिग्गजों से लेकर अर्थशास्त्रियों तक सभी पक्षों मिले थे, हर सुझाव को उन्होंने गौर से सुना, इसमें एक सज्जन ऐसे भी थे जिन्होंने ज्यादा नोट छापने का सुझाव दिया था.
हर सेक्टर से प्रेजेंटशन
गुजरात के अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान के शासन के तरीकों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने हर सेक्टर से लंबे प्रेजेंटेशन लिए. उन्होंने हर बारीकी पर काफी गौर किया. गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान इसी तरह वह बजट के हर विवरण को गौर से देखते थे.
उनका यह साफ संदेश था कि बजट से सरकार की विश्वसनीयता बढ़नी चाहिए, लोगों की आमदनी और क्रयशक्ति बढ़नी चाहिए.
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इस बजट में ऐसी कई चीजें हैं जो पहली बार की गई हैं. यह पहला बजट है जिसमें गवर्नेंस को काफी जगह दी गई है, राजकोषीय प्रबंधन पर पूरा एक चैप्टर है, इसमें जेंडर और महिला सशक्तिकरण तथा जीवनशैली से जुड़े रोगों पर बात की गई है.
बजट पर पीएम मोदी ने क्या कहा था
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया था. इसके बाद पीएम ने इसे 'विजन और एक्शन' वाला बजट बताया था. उन्होंने कहा कि बजट से आर्थिक तरक्की को गति मिलेगी, हर नागरिक आर्थिक रूप से सशक्त होगा और नए दशक में देश की बुनियाद मजबूत होगी.
उन्होंने कहा था, 'मेरा मानना है कि यह बजट आमदनी और निवेश को बढ़ाएगा, मांग और खपत को बढ़ाएगा, वित्तीय प्रणाली को नई ताकत देगा और कर्ज प्रवाह को बढ़ाएगा.' निवेश को रोजगार का 'सबसे बड़ा वाहक' बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं. बॉन्ड बाजार को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण को मजबूत करने के लिए भी व्यवस्था की गई है.
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गौरतलब है कि देश साल 2008-09 की वैश्विक मंदी के बाद अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और उस मंदी के बाद सबसे कमजोर जीडीपी बढ़त का दौर है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी बढ़त दर महज 4.5 फीसदी रही है.
कॉरपोरेट ने भी की तारीफ
भारतीय कॉरपोरेट जगत को लगता है कि बजट में जो भी घोषणाएं की गई हैं, उसे तत्काल लागू करनी चाहिए ताकि नतीजे दिख सकें. बायोकॉन की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर किरण मजूमदार शॉ ने कहा, 'इस बजट में जो भी उपाय किए गए हैं, उनका मीडियम से लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा मिल सकता है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन्हें तेजी से लागू किया जाए ताकि इनका तात्कालिक असर हो.'