
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन पर रेल बोर्ड में हुई तकनीकी ग्रुप की बैठक में लोकेशन संबंधी सर्वे को जल्द शुरू करने का फैसला लिया गया है. अहमदाबाद और मुंबई बुलेट ट्रेन रूट के रास्ते में पड़ने वाले इलाकों की भूगर्भीय जांच और काली मिट्टी के सैंपल की जांच का काम अगले दो-तीन महीनों में शुरू कर दिया जाएगा.
जापान देगा जरूरी ट्रेनिंग
बैठक में बुलेट ट्रेन के तमाम तकनीकी पहलुओं के बारे में बातचीत की गई. भारत-जापान के बीच हुए बुलेट ट्रेन के करार के मुताबिक जापान भारत को टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर भी करेगा और इस ट्रेन को चलाने के लिए जरूरी ट्रेनिंग भी मुहैया कराएगा.
बुलेट ट्रेन का निर्माण 2018 में होगा शुरू
तकनीकी ग्रुप की बैठक में नेशनल हाई स्पीड कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डायरेक्टरों के अलावा, रेल बोर्ड के सदस्य, जापान सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में इस बात पर खास जोर दिया गया कि बुलेट ट्रेन का निर्माण 2018 में शुरू कर दिया जाए और 2023-24 तक इसको कमीशन कर दिया जाए.
बीते 12 दिसंबर को हुआ था करार
अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए बीते 12 दिसंबर को भारत-जापान के बीच करार हुआ था. मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की दूरी के लिए बुलेट ट्रेन चलाने के लिए रेलवे प्रोजेक्ट की कुल लागत 97,636 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
जापान दे रहा है सॉफ्ट लोन
जापान इस लागत के एक बड़े हिस्से तकरीबन 79,000 करोड़ रुपये की धनराशि भारत को बतौर सॉफ्ट लोन देने जा रहा है. भारत-जापान के बीच हुए करार के मुताबिक 79,000 करोड़ रुपये का ये सॉफ्ट लोन भारत को 50 साल की अवधि में चुकाना है. इसमें शुरुआत के 15 साल तक कर्ज वापसी की जरूरत नहीं है और इस अवधि के लिए ब्याज की दर महज 0.1 फीसदी होगी. यानी कर्ज वापसी का सिलसिला कर्ज मिलने के 15 साल बाद ही शुरू होगा.
7 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 7 साल में पूरा करने की बात भारत-जापान करार में है. इसका सीधा सा मतलब ये है कि वर्ष 2023-24 में भारत में पहली बुलेट ट्रेन चलनी शुरू हो जाएगी. इसके अलावा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए शिन्कान्सेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.