
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी नेता पवन वर्मा को कड़ा जवाब दिया है. पवन वर्मा की चिट्ठी पर गुरुवार को नीतीश कुमार ने कहा कि वह (पवन) जा सकते हैं और किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं, जिसे वह पसंद करते हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर किसी के पास कोई मुद्दा है तो वह पार्टी या पार्टी की बैठकों में इस पर चर्चा कर सकता है, लेकिन इस तरह के सार्वजनिक बयान आश्चर्यजनक हैं. वह (पवन) जा सकते हैं और किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं, जिसे वह पसंद करते हैं. उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं.'
क्या बोले पवन वर्मा
नीतीश कुमार की टिप्पणी पर पवन वर्मा ने कहा कि वह नीतीश कुमार के इस बयान का स्वागत करते हैं कि पार्टी में बहस की जगह है. फिलहाल मैं अपने पत्र के जवाब का इंतजार कर रहा हूं और जवाब आने के बाद ही आगे की राह तय करूंगा.
इस बयान से एक दिन पहले ही जनता दल यूनाइटेड ने अपने बागी नेता पवन वर्मा और प्रशांत किशोर के खिलाफ एक्शन लेने के संकेत दिए थे. पटना में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि ये दोनों नेता पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. उनकी बयानबाजी से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.
प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दोनों नेताओं पर एक्शन लेने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत करने की बात कही. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन दोनों नेताओं ने अपना अलग रास्ता बना लिया है. इसी वजह से पार्टी लाइन खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.
जनता दल यूनाइटेड नेता पवन वर्मा ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के उस बयान की खुलेआम आलोचना की थी, जिसमें मई से सितंबर के दौरान बिहार में NPR लागू करने का ऐलान किया गया था. पवन शर्मा बीजेपी के साथ पार्टी के गठबंधन को लेकर भी लगातार आवाज उठाते रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा में भी जनता दल यूनाइटेड का बीजेपी के साथ चुनावी गठबंधन है. वह दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
पवन वर्मा के अलावा जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी कई बार पार्टी लाइन के खिलाफ जा चुके हैं. प्रशांत ने सबसे पहले NRC को लेकर मुद्दा उठाया था. वो नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें ये समझाने में कामयाब रहे कि बिहार में NRC लागू नहीं होगा.
बाद में प्रशांत किशोर CAA के भी खिलाफ हो गए और कहा कि बिहार में CAA लागू नहीं होगा. हालांकि नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि वो किसी भी विषय पर सदन में बहस करने के लिए तैयार हैं.