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EXCLUSIVE: बातचीत में बोले सरताज अजीज, 'कश्मीर पर चर्चा बिना नहीं होगी बात'

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने दोनों देशों के बीच एनएसए स्तर की बातचीत रद्द होने का दोष दिल्ली पर मढ़ा है. 'इंडिया टुडे' से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने दोहराया कि कश्मीर पर बात किए बिना दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं हो सकती.

Sartaj Aziz Sartaj Aziz
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने दोनों देशों के बीच एनएसए स्तर की बातचीत रद्द होने का दोष दिल्ली पर मढ़ा है. 'इंडिया टुडे' से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने दोहराया कि कश्मीर पर बात किए बिना दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं हो सकती.

इसके कुछ ही घंटों पहले सरताज अजीज ने तीखा बयान देते हुए कहा था, 'न्यूक्लियर पावर पाकिस्तान अपनी रक्षा करना जानता है.' करण थापर से कार्यक्रम 'टू द पॉइंट' में बातचीत में सरताज अजीज ने कश्मीर को दोनों देशों के बीच का 'कोर इशू' बताया. बातचीत रद्द होने पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा, 'भारत ने एनएसए बातचीत से पहले शर्तें रखीं, जो समस्या बन गया.'

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'दोनों देशों के बीच अविश्वास'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं इसे कड़वाहट तो नहीं कहूंगा लेकिन मैं निश्चित रूप से निराश हूं. दोनों देशों के बीच अविश्वास पसर गया है.' उन्होंने कहा, 'भारत को हमारी प्राथमिकताओं को लेकर संवेदनशील होने की जरूरत है. मैं बैठक के दौरान 'के वर्ड' (कश्मीर के संबंध में) का इस्तेमाल नहीं करूंगा, ऐसी शर्त उचित नहीं हैं.'

हुर्रियत को न्योते के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हुर्रियत नेताओं को न्योता बड़ा मुद्दा नहीं था. हमने हुर्रियत नेताओं को कॉन्फ्रेंस टेबल पर नहीं बुलाया था. इसे इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए था.'

'डोवाल इस्लामाबाद आएं तो स्वागत है'
दोनों देशों के बीच एनएसए बातचीत की दोबारा संभावना पर उन्होंने कहा, 'अगर अजीत डोवाल इस्लामाबाद आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे. लेकिन भारत गंभीर संवाद के लिए तैयार नहीं है.'

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गुरदासपुर हमले में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सरताज अजीज ने कहा, 'अगर भारत के पास पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत हैं तो उसे हमसे साझा करने चाहिए. जो भी इसमें शामिल हैं, हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. आतंकवाद का सामना करने वाला भारत इकलौता देश नहीं है, हम भी पीड़ित हैं.'

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