
घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री दिसंबर महीने में 1.36 फीसदी घटकर 2,27,824 वाहन रही. एक साल पहले इसी महीने में 2,30,959 यात्री वाहन बेचे गये थे.
घरेलू बाजार में कारों की बिक्री दिसंबर में 8.14 फीसदी घटकर 1,58,617 वाहन रही. दिसंबर 2015 में 1,72,671 कारों की बिक्री घरेलू बाजार में हुई थी.
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि दिसंबर 2016 में मोटरसाइकिलों की बिक्री भी 22.5 फीसदी घटकर 5,61,690 इकाई रही जबकि एक साल पहले इसी माह में 7,24,795 मोटरसाइकिलें बेची गईं थी.
यदि सभी तरह के दोपहिया वाहनों की बात की जाये तो दिसंबर में इनकी बिक्री 22.04 फीसदी घटकर 9,10,235 इकाई रही जबकि एक साल पहले इसी महीने में 11,67,621 दुपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी.
दिसंबर में कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री भी 5.06 फीसदी कम होकर 53,966 इकाई रही. एक साल पहले दिसंबर में 56,840 कॉमर्शियल वाहन बेचे गये थे. कुल मिलाकर दिसंबर माह में सभी तरह के वाहनों की बिक्री में 18.66 फीसदी की कमी आई और यह 12,21,929 रही जबकि दिसंबर 2015 में कुल मिलाकर 15,02,314 वाहन बेचे गये थे.
इससे पहले नोटबंदी के असर से देश में सेकेंड हैंड कार मार्केट पर भी असर देखने को मिला था. नई कारों की बिक्री में गिरावट के साथ-साथ पुरानी कारों की मार्केट तो जैसे ठप पड़ चुकी थी. इस मार्केट में कैश का बोल बाला था. आज पुरानी कार की मार्केट में न तो कार खरीदने वाले के पास कैश बचा है और न ही बाजार में बैठे डीलर और सेलर के पास कैश है.