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एटीएम खाली, सियासत गरम: क्या कैश क्रंच का कर्नाटक चुनाव से है कोई कनेक्शन?

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों के कई शहरों के एटीएम में सूखा पड़ गया था. गुलाबी नोट की तो छोड़िए, यहां हरे नोट के भी दर्शन नहीं हो रहे.

देश में फिर आई कैश की किल्लत! देश में फिर आई कैश की किल्लत!
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 8:27 AM IST

अभी नोटबंदी का दौर गुजरे बहुत दिन नहीं बीते लेकिन फिर से वैसे ही हालात नजर आने लगे हैं. एटीएम में कैश की भारी किल्लत ने लोगों को बेचैन कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीडन में देश को मजबूत आर्थिक हालात में पहुंचाने का दम भर रहे हैं, मोदी ने कहा कि इरादा सुधार का नहीं बल्कि पूरी तरह से बदलाव का है.

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कड़े फैसलों और आर्थिक मोर्चे पर गंभीर बदलाव की बात तो समझ में आती है. कौन अच्छे हालात के लिए बदलाव नहीं चाहेगा लेकिन आर्थिक तकनीक पर ज्ञान आम लोगों के पल्ले नहीं पड़ती. उसे तो बस इतना पता है कि कड़ी मेहनत से कमाए हुए उसके अपने नोट बैंक से नहीं मिल रहे. उसके सामने एक ही सवाल है कि आखिर उसकी जरूरतें कैसे पूरी होंगी.

उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों के कई शहरों के एटीएम में सूखा पड़ गया था. गुलाबी नोट की तो छोड़िए, यहां हरे नोट के भी दर्शन नहीं हो रहे.

दरअसल, सवाल नोट के रंग का नहीं है, सवाल 2000 के नोट के मिलने या ना मिलने का भी नहीं है. सवाल एटीएम से नोट मिलने का है, चाहे वो किसी भी शक्ल में हो लेकिन यहां तो नोट ही मिलने बंद हो गए. वो भी बिना किसी पूर्व चेतावनी के. सवाल ये है कि क्या ये सरकार की अघोषित नोटबंदी है, क्या चुपके-चुपके ही फैसला ले लिया गया.

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जारी है सियासत

इस संकट पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन यानी एआईबीओसी के मुताबिक बैंकों के पास 30 से 40 फीसदी तक नकदी की कमी है.

अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर पूरे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस इशारों-इशारों में बीजेपी पर कर्नाटक चुनाव प्रभावित करने के लिए भारी भरकम रकम इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है. गौरतलब है कि देश में प्रमुख विपक्षी दल मौजूदा संकट को नोटबंदी से तुलना कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कई राज्यों में जारी करेंसी संकट को नोटबंदी जैसे हालात बताया है.

कई विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी ने यह संकट कर्नाटक चुनाव के चलते खड़ा किया है. कहा जा रहा है कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव हैं, इसलिए वहां भी नकदी की मांग काफी बढ़ गई है. चुनाव के दौरान रैलियों में होने वाले खर्चे के चलते पार्टियों ने भारी मात्रा में कैश निकाला है, जिसका इस्तेमाल चुनाव में होगा. हालांकि, अब तक ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है.

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