
कावेरी मुद्दे पर सोमवार को तमिलनाडु के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के इस राज्यव्यापी रेल रोको प्रदर्शन में द्रमुक सहित कई विपक्षी दल भी शामिल हुए. किसान प्रदर्शन के जरिए केंद्र से कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) बनाने की मांग कर रहे हैं.
चेन्नई और कावेरी के तटीय जिलों सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में हुए प्रदर्शनों में कई लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें द्रमुक के कोषाध्यक्ष और तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन भी शामिल थे.
स्टालिन ने पेरम्बूर में निकाले गए जुलूस का नेतृत्व किया, जबकि तंजावुर तथा कुड्डलोर में रेल रोको प्रदर्शन करने वालों में वाम दल और एमडीएमके भी शामिल हुए. सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. केंद्र से तत्काल सीएमबी के गठन की मांग करते हुए किसानों ने सोमवार से दो दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन का आह्वान किया था.
राज्य में स्थिति के आकलन के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित एक उच्च स्तरीय तकनीकी दल के कावेरी तटीय क्षेत्र का मुआयना खत्म करने के कुछ दिनों बाद यह प्रदर्शन हुआ. दल ने कर्नाटक में भी कावेरी तटीय क्षेत्रों का मुआयना किया और यह दल आज शीर्ष अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा कराएगा. कर्नाटक से कावेरी के जल को छोडे जाने की मांग वाली तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस दल का गठन किया था.
डीएमके नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कावेरी विवाद सुलझाने को लेकर शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उनके दखल की मांग की थी. इस मसले में नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने एक मैमोरेंडम भी जमा किया था.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को 15 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने को कहा था. इसी मुद्दे को लेकर तमाम जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से कहा कि वह 20 सितंबर तक तमिलनाडु को 12,000 क्यूसेक कावेरी का पानी दे. यह फैसला आने के कुछ ही घंटे बाद हिंसा शुरू हो गयी थी.