
छत्तीसगढ़ के रायपुर में 1988 बैच के आईएएस अधिकारी और उच्च शिक्षा सचिव बी.एल. अग्रवाल के निजी आवास पर सीबीआई ने छापा मारा. सीबीआई अधिकारियों ने इस बात को साफ नहीं किया कि उन्होंने बी.एल. अग्रवाल के घर में किस वजह से छापा मारा और वहां से उन्हें क्या बरामद हुआ.
सूत्रों की मानें तो छापेमारी के बाद यह खबर तेजी से फैली है कि सीबीआई के हाथ कुछ वीडियो फुटेज लगे हैं. इन वीडियो में बी.एल. अग्रवाल आयकर विभाग के छापे से पहले अपने रिश्तेदारों के साथ बैंक पहुंचे और उन्होंने लॉकर खुलवाकर उसमें से कुछ दस्तावेज और सामान निकाला था.
कहा जा रहा है कि इन्हीं वीडियो के आधार पर सीबीआई ने बी.एल. अग्रवाल के घर पर छापा मारा था. गौरतलब है कि 5 साल पहले बी.एल. अग्रवाल के घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा था. इस दौरान उनके पास से विभाग को 253 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज और कुछ ग्रामीणों की पासबुक मिली थी. उन ग्रामीणों के अकाउंट में लाखों रुपये जमा करवाए गए थे.
इस मामले में उन्होंने कथित तौर पर जांच अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश की थी. आयकर विभाग ने अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंप दिया था. हालांकि इस मामले में आयकर विभाग ने अग्रवाल के परिजनों को आरोपी बनाया था. वहीं बी.एल. अग्रवाल को पौने आठ लाख रुपये की बरामदगी पर नोटिस दिया था, जो उनके घर से जब्त किए गए थे.
इस मामले में अग्रवाल ने हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई थी. उस समय आयकर विभाग ने सफाई पेश करते हुए कहा था कि अग्रवाल को सिर्फ 11 हजार रुपये की रकम के स्त्रोत के बारे में नोटिस भेजा गया है. इस कार्रवाई के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने बी.एल. अग्रवाल को क्लीन चिट दे दी थी.
मगर इस बार बी.एल. अग्रवाल की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. दरअसल आयकर विभाग के अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश मामले में अग्रवाल के साले और उनके साथी सुनील सोनी को अपने कब्जे में लेकर सीबीआई पूछताछ कर रही है. फिलहाल मामले की जांच जारी है.