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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: CBI ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज की प्राथमिक जांच

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. अब एमसीडी चुनावों से ठीक पहले सीबीआई ने दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है.

सत्येंद्र जैन पर शिकंजा सत्येंद्र जैन पर शिकंजा
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. अब एमसीडी चुनावों से ठीक पहले सीबीआई ने दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है. सत्येंद्र जैन पर हवाला काबोरियों के साथ सीधे संपर्क का भी आरोप था, और वह जैन मनी लांड्रिंग में पाये गये थे. इससे पहले हाल ही में आई शुंगलु रिपोर्ट के बाद से ही केजरीवाल सरकार बैकफुट पर है.

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क्या था मामला?
कुछ समय पहले आयकर विभाग ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाला कारोबियों से संबंधों के सबूत मिलने का दावा किया था. इससे पहले भी वह आयकर घोखाधड़ी के आरोपों में पहले ही जांच का सामना कर रहे थे. इंडिया टुडे को आयकर विभाग द्वारा तैयार किया गया ताजा डोजियर की कॉपी मिली थी, जिसमें कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं.

हवाला कारोबारियों से संबंध!
आयकर विभाग के इन दस्तावेज़ों में हवाला कारोबारियों के सत्येंद्र जैन से सीधे संपर्क का दावा किया गया था. इसमें कहा गया है कि हवाला कारोबारी फोन पर सीधे जैन से बात करते थे और उनके बीच कोड वर्ड में कुछ सौदे भी हुए. आप नेता सत्येंद्र जैन हवाला कारोबारियों के जरिये 17 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में भी आयकर जांच के घेरे में हैं. सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग की जांच में जैन मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल पाए गए हैं. इस मामले की जांच अभी जारी है और विभाग इस बाबत उनसे तीन बार पूछताछ कर चुका है.

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आयकर विभाग के तैयार दस्तावेज़ों में दिल्ली सरकार के मंत्री पर आरोप लगाए गए थे. सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला जैन के नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित जीवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल नाम के तीन हवाला कारोबारियों की 56 शेल कंपनियों से 16.39 करोड़ रुपये मिले.

हालांकि जैन खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. केजरीवाल सरकार के इस वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि हवाला कारोबारियों से उनका कोई नाता नहीं और इस मामले में उन्हें आरोपी नहीं, बल्कि गवाह के रूप में बुलाया गया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों की जांच में उनका नाम सामने आया, जिनसे वह पहले जुड़े हुए थे और इसी संबंध में उनका समन किया गया था.

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