
सीबीएसई में आए खराब रिजल्ट को लेकर प्राईवेट स्कूलों की एसोसिएशन बुरी तरह से भड़की हुई है. एसोसिएशन ने सरकार पर प्राइवेट स्कूल के माहौल को खराब करने का आरोप लगाया है.
दरअसल, दिल्ली के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों के रिजल्ट से बेहतर आया है. जहां सरकारी स्कूलों के पास पर्सेंटेज 88.27 रहा वहीं दिल्ली के प्राइवेट स्कूल में महज 79.27 पर्सेंट बच्चे ही पास हो पाए. एसोसिएशन ने कहा है कि सरकार के नाजायज दबाव की वजह से स्कूलों में पढ़ाई का स्तर गिर गया है.
दिल्ली में प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के प्रतिनिधि आर सी जैन का कहना है कि फीस को लेकर दिल्ली सरकार में प्राइवेट स्कूलों को अपना दुश्मन समझ लिया है और यही वजह है कि प्राइवेट स्कूल के मैनेजमेंट को रोज नोटिस पर नोटिस दिए जाते हैं. जिसकी वजह से मैनेजमेंट स्कूल संभालने से ज्यादा कोर्ट और दफ्तरों के चक्कर लगाने पर वक्त बिताते हैं.
दरअसल, आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन सालों में प्राइवेट स्कूल का रिजल्ट दस फीसदी तक नीचे गिर गया है. दिल्ली में सरकारी स्कूलों का रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों के रिजल्ट से बेहतर आया है तो सरकार जमकर जश्न मना रही है. श्रेय शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को दिया जा रहा है.
वहीं दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टीचरों की सबसे बड़ी संस्था गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन यानी जीएसटीए का कहना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों का बेहतर रिजल्ट टीचर्स के मेहनत की वजह से हुआ है ना कि दिल्ली सरकार की वजह से.
तो देंगे 100 फीसदी रिजल्ट
जीएसटीए के जनरल सेक्रेटरी अजयवीर यादव ने 'आज तक' से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली में शिक्षकों की भारी कमी है. लगभग आधी संख्या में शिक्षक मौजूद हैं. इतने ही शिक्षक की और जरूरत है. यदि दिल्ली सरकार अपना वादा पूरा करते हुए शिक्षकों की भर्ती करती है तो गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन की तरफ से यह वादा है कि दिल्ली में अगली बार सरकारी स्कूल 100 फीसदी रिजल्ट देंगे.
दरअसल, दिल्ली सरकार से संबंधित स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिसके बदले गेस्ट टीचर यानि अतिथि शिक्षक रखकर काम चलाया जा रहा है. लंबे समय से पर्मानेंट टीचर रखने की मांग चल रही है.