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GST पर सीईए समिति ने सौंपी रिपोर्ट, जानें क्या हैं मुख्य सिफारिशें

जीएसटी पर बनी सीईए समिति ने शुक्रवार को अपनी 100 पन्नों वाली रिपोर्ट वित्त मंत्री को रिपोर्ट सौंपते हुए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं. जीएसटी से जहां मेक इन इंडिया को बल मिलेगा, वहीं टैक्स विभागों को मजबूती भी मिलेगी.

जीएसटी से मेक इन इंडिया को मिलेगा बल जीएसटी से मेक इन इंडिया को मिलेगा बल
सुरेश कुमार/स्वाति गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

जीएसटी पर बनी मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की अगुवाई वाली समिति यानी सीईए समिति ने वित्त मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सीईए समिति ने 100 पन्नों वाली रिपोर्ट सौंपी है. हालांकि जीएसटी पर पूरी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी जाएगी.

जीएसटी पर रिपार्ट सौंपने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि जीएसटी से राजकाज में सुधार आएगा, पूरा देश एक बाजार बनने से ‘मेक इन इंडिया’ को बल मिलेगा. जीएसटी से टैक्स विभागों को मजबूती मिलेगी.

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सूत्रों के मुताबिक जीएसटी के रेवेन्यू न्यूट्रल रेट के तीन हिस्से होंगे. लो, हाई और स्टैंडर्ड जैसे हिस्सों में जीएसटी का प्रारूप होगा. अरविंद सुब्रमण्यन के मुताबिक ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर स्टैंडर्ड रेट लागू होगा.

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बताया कि जीएसटी का रेवेन्यू न्यूट्रल रेट 15-15.5 फीसदी के बीच होगा. इसके अलावा जीएसटी का स्टैंडर्ड रेट 17-18 फीसदी के बीच होगा, लो रेट 12 फीसदी और हाई रेट 40 फीसदी होगा. वहीं जीएसटी में 1 फीसदी इंटर स्टेट रेट का प्रस्ताव है.

यह भी पढ़ें: GST से किसको फायदा, किसको नुकसान?

वहीं समिति ने यह भी कहा कि भारत का जीएसटी सबसे साफ सुथरा दोहरा वैट होगा, इसमें केन्द्रीकृत और विकेन्द्रीकृत दोनों तरह के सबसे बेहतर मॉडल को अपनाया गया है. सीईए समिति ने एल्कोहल, पेट्रोलियम जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश की. सीईए समिति ने संविधान संशोधन विधेयक में विशिष्ट जीएसटी दर का उल्लेख नहीं करने की सिफारिश की है.

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