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मार्च से सभी मोबाइल में होगा पैनिक बटन, 9 दबाते ही 9 लोगों को पहुंचेगा अलर्ट

महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार मार्च से मोबाइल में पैनिक बटन शुरू करने की तैैयारी में है. इसके तहत 9 नंबर के बटन को देर तक दबाने से नजदीकी पुलिस स्टेशन और यूजर के रिश्तेदारों को एलर्ट मैसेज और लोकेशन डिटेल मिल जाएगी.

मार्च से मोबाइल में होगा पैनिक बटन मार्च से मोबाइल में होगा पैनिक बटन
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:08 PM IST

केंद्र सरकार मार्च से सभी मोबाइल में पैनिक बटन की शुरुआत करेगी, जिसके तहत मोबाइल में देर तक 9 नंबर वाला बटन दबाने से नजदीकी पुलिस और रिश्तेदारों को एलर्ट मैसेज जाएगा जिसमें यूजर की लोकेशन डिटेल होगी.

हाल ही में कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी ने संसद में इस प्लान के बारे में जानकारी दी. इस प्रोजेक्ट के लिए वि‍मेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्ट्री और टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने पिछले दिनों ही मोबाइल व टेलीकॉम कंपनियों के साथ एक मीटिंग की है. इस प्रोग्राम पर काम कर रहे एक अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि कंपनियां इसके लिए राजी हैं और मोबाइल फोन में यह फीचर मार्च से मिलना शुरू हो जाएगा.

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मार्च से शुरू होगा पैनिक बटन
मार्च में इस सर्विस की शुरुआत होगी जिसके तहत मोबाइल के 9 नंबर के बटन को कुछ देर तक लगातार दबाए रखने पर 9 लोगों को अपने लोकेशन की डिटेल भेजी जा सकती है. यही नहीं, यह तय करना भी यूजर के हाथ में होगा कि उसे किन 9 लोगों को इमरजेंसी के दौरान एलर्ट मैसेज और लोकेशन डिटेल भेजनी है ताकि वे उसकी मदद को आ सकें. इनमें से एक मैसेज नजदीकी पुलिस स्टेशन को जाएगा.

एप बेस्ड पैनिक बटन रहे हैं फेल
इसके अलावा स्मार्टफोन में एप बेस्ड पैनिक बटन भी होगा. हालांकि स्मार्टफोन के लिए पेश किए गए ऐसे एप्स अभी तक फेल रहे हैं. इसकी मुख्य वजह यही है कि सभी के पास स्मार्टफोन नहीं होता और अगर होता भी है तो इंटरनेट की स्थिति ऐसी है कि गूगल मैप से नेविगेशन शुरू करने में 5 मिनट से भी ज्यादा लगते हैं. चाहे आप 3G या 4G यूज कर लें, कई जगह पर इंटरनेट ना के बराबर ही चलता है और तब हर जगह सिक्योरिटी का दावा करने वाले ये एप किसी काम नहीं आते.

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बिना इंटरनेट और जीपीएस वाला डेडिकेटेड पैनिक बटन कारगर साबित होगा
इस प्रोग्राम के तहत फीचर फोन में डेडिकेटेड पैनिक बटन होने की भी बात चल रही है. दरअसल, फीचर फोन में इंटरनेट नहीं होने से इनमें जीपीएस काम ही नहीं करता है. जाहिर है, ऐसे मोबाइल से खतरे की स्थि‍त‍ि में अपनी लोकेशन भेज पाना मुश्किल है. हां, अगर मोबाइल और टेलिकॉम कंपनियां मिलकर खास पैनिक बटन पर काम करें तो यह इमरजेंसी में लोगों के काफी काम आ सकता है. बशर्ते इसके लिए इंटरनेट और स्मार्टफोन की जरूरत ना हो.

महिला सुरक्षा है मकसद
इस पैनिक बटन का मकसद देश में महिला सुरक्षा लाना है. कई देशों में पैनिक सिस्टम ने महिलाआ सुरक्षा बहाल करने में काफी मदद की है. मेनका गांधी ने इस प्लान के बारे में जानकारी देते हुआ कहा कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हालात ठीक नहीं हैं. इसके लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है और मोबाइल में ऐसे फीचर हालात सुधारने में मदद करेंगे.

यह भी पढ़ें: मेट्रो में महिला कोच बीच में करने की सलाह

गौरतलब है कि इससे पहले भी एप बेस्ड पैनिक की शुरुआत कुछ राज्यों में हुई थी पर जीपीएस और इंटरनेट ना होने की वजह से ये फेल हो चुकी हैं.

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