
पारदर्शिता और जनता को सीधे प्रधानमंत्री से जोड़ने की बात करने वाली नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने कर्मचारियों को खरी चेतवानी जारी की है. इसमें कहा गया है कि सेना, अर्द्धसैनिक बलों समेत सभी केंद्रीय कर्मचारी नौकरी से जुड़ी अपनी काई भी शिकायत सीधे प्रधानमंत्री से नहीं कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है कि तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सोमवार को नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि विधिवत तरीकों को अपनाए बगैर सीधे प्रधानमंत्री तक अपनी परेशानियों को लेकर जाने वाले कर्मचारियों और उनके प्रतिनिधियों के खिलाफ यथोचित अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.
शिकायत है तो अपनाएं ये तरीका
इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी को अपना दावा या अपनी शिकायत सबसे पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी के सामने रखनी होगी. अगर फिर भी समाधान न हो तो विभागीय अध्यक्ष के सामने रखें. उसके बाद ही अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पास जाएं. सीधे-सीधे प्रशासनिक अधिकारी से शिकायत को नियम का उल्लंघन माना जाएगा .
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के मुताबिक, आम तौर पर देखा जाता है कि सेना के अधिकारियों से लेकर अर्द्धसैनिक बलों और अन्य सरकारी कर्मचारी तक अपनी शिकायतें सीधे प्रधानमंत्री, मंत्री, सचिव (कार्मिक) या अन्य उच्चाधिकारियों तक सीधे चले जाते हैं. केंद्र सरकार के लगभग 48 लाख कर्मचारी हैं.