
आंध्र प्रदेश सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए उस 'आम सहमति' के खिलाफ जाने का फैसला लिया है जिसमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में किसी तरह की जांच या ऑपरेशन के लिए पहले उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. नायडू के इस कदम का कांग्रेस और ममता बनर्जी ने खुलकर स्वागत किया है.
इस फैसले का अर्थ यह हुआ कि सीबीआई अधिकारियों को अब से किसी भी आधिकारिक काम के वास्ते राज्य में प्रवेश करने के लिए चंद्रबाबू नायडू सरकार से अनुमति लेनी होगी.
राज्य के कई शीर्ष अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में इसी हफ्ते एक अधिसूचना जारी करते हुए सीबीआई के साथ भरोसा खत्म हो जाने की बात कही थी.
हालांकि सूत्रों ने कहा है कि सीबीआई को इस संबंध में किसी तरह का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. सूत्र का कहना है कि इस तरह की नोटिफिकेशन मिलने की स्थिति में सीबीआई फैसले के खिलाफ कानूनी सहारा ले सकती है.
माना जा रहा है कि इस साल राज्य की चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली टीडीपी सरकार के एनडीए से अलग होने के बाद केंद्र से राज्य सरकार के संबंध काफी खराब हो गए.
नायडू 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और वाईएसआर कांग्रेस मिलकर राज्य सरकार को अस्थिर कर रहे हैं.
नायडू के इस फैसले का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है. कांग्रेस के नेता पीसी चाको ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने किया है उसे हर राज्यों को करना चाहिए. अगर कानून की व्यवस्था है तो राज्य अपने स्टैंड ले सकते हैं.
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नायडू के इस कदम का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने अपने राज्य में सीबीआई को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर सही काम किया है. ममता का कहना है कि सीबीआई बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. उन्होंने एक पीसी में कहा, 'चंद्रबाबू नायडू ने जो किया वो सही है. सीबीआई को बीजेपी से दिशा-निर्देश मिल रहे हैं.'
नायडू की तरह ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी उन पार्टियों में शामिल है जो बीजेपी को लगातार चुनौती दे रही है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य में लोकसभा चुनाव को देखते हुए जमीनी स्तर पर एक अभियान शुरू किया था. इस अभियान के जरिए पार्टी केंद्र की बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों को बता रही है.
पिछले महीने अक्टूबर में ऐसा ही एक मामला दिल्ली के हाईकोर्ट में आया था, जिसमें सीबीआई ने चंडीगढ़ में किसी भी तरह की जांच के लिए सरकार से अनुमति लेने के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य में दर्ज केस के अलावा सीबीआई को अन्य किसी भी मामले के लिए ऐसी किसी अनुमति की जरूरत नहीं है.