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चंद्रबाबू नायडू का केंद्र की वादाखिलाफी के विरोध में अनशन

चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलांगाना बनने के समय किए गए वायदों को पूरा करने की मांग के साथ यह अनशन शुरू किया है.

चंद्रबाबू नायडू चंद्रबाबू नायडू
वरुण शैलेश
  • विजयवाड़ा,
  • 20 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एक दिवसीय अनशन शुरू कर दिया. नायडू ने केंद्र सरकार के राज्य के प्रति उदासीन रवैए को देखकर यह अनशन शुरू किया है.

शुक्रवार को 68 वर्ष के हो गए नायडू ने विजयवाड़ा में इंदिरा गांदी म्यूनिसिपल स्टेडियम में धरमा पोराटा दीक्षा अनशन शुरू किया. यह अनशन सुबह सात बजे शुरू हुआ.

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राज्य मंत्रियों काला वेंकट राव, डी.उमामहेश्वर राव, नरा लोकेश, कोलू रविंद्र, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद और विधायक राज्य सरकार द्वारा आयोजित विशाल कार्यक्रम में उनके साथ अनशन में शामिल हुए.

नायडू ने स्टेडियम पहुंचने से पहले महात्मा गांधी, बाबा साहब बी.आर. अंबेडकर, ज्योतिराव फुले और एन.टी.रामा राव को माल्यार्पण किया. तेदेपा प्रमुख को अनशन शुरू होने से पहले हिंदुओं, मुसलमानों और इसाई धर्म गुरुओं का समर्थन मिला. प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों ने भी नायडू के प्रति समर्थन दिखाया.

नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन कर तेलांगाना बनने के समय किए गए वायदों को पूरा करने की मांग के साथ यह अनशन शुरू किया है.

पिछले महीने केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करने पर तेदेपा बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग हो गई थी.

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जन्मदिन पर अनशन

नायडू ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में किए गए वादों से मुकर गए हैं. उन्होंने लोगों से उनका जन्मदिन मनाने के बजाए केंद्र सरकार के खिलाफ एकदिवसीय अनशन करने की अपील की. तेदेपा नेताओं ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का मुख्यमंत्री अपने जन्मदिन पर अनशन कर रहा है.

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