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AAP बोली- सुकमा एनकाउंटर फेक, पुलिस ने कहा- मनोबल तोड़ने की कोशिश

छत्तीसगढ़ के सुकमा में 15 नक्सलियों की एनकाउंटर में मौत के बाद राजनीति शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी ने इसे फर्जी बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है, जबकि पुलिस ने सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने वाला करार दिया.

छत्तीसगढ़ पुलिस (फाइल फोटो) छत्तीसगढ़ पुलिस (फाइल फोटो)
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

आम आदमी पार्टी (आप) ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में 15 नक्सलियों की एनकाउंटर में मारे गए लोगों के मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. आप का आरोप है कि यह फर्जी एनकाउंटर है. इसमें सात नाबालिग जिनकी उम्र 13 से 15 साल की है, उन्हें भी गोली लगी. पार्टी के मुताबिक ग्रामीणों को मारकर पुलिस ने वाहवाही लूटने का काम किया है.

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बस्तर में आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोढ़ी के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो इस घटना की जांच करेगी. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जिस समय ग्रामीण खेतों में काम कर रहे थे, उसी वक्त पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें गोली मार दी. फिर नक्सली बता दिया.

आम आदमी पार्टी ने सात नाबालिगों के नाम जाहिर कर बताया कि हिड़मा मुचाकी, देवा, लखमा, मड़कम आयत, सोढ़ी प्रभु, मड़कम टिंकू और मुका मुचाकी की उम्र 13 से 15 साल के बीच की है.

हालांकि आप के आरोपों को पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया है. पुलिस के मुताबिक सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने के लिए नक्सली विचारधारा और उनसे सहानभूति रखने वाले लोग अक्सर पुलिस पर झूठे आरोप लगाते हैं.

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एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीजीपी डीएम अवस्थी के मुताबिक इस एनकाउंटर से नक्सलियों को गहरा धक्का लगा है. उन्होंने बताया कि तमाम नक्सली हथियारबंद थे और वे कैंप में ट्रेनिंग ले रहे थे. उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवानों ने उनकी तगड़ी घेराबंदी की है.

पहले दी थी चेतावनी

उन्होंने बताया कि जवानों ने उन्हें पहले हथियार डालने की चेतावनी दी, लेकिन नक्सलियों ने उन पर लगातार फायर शुरू कर दिया. मजबूरन डीआरजी को भी इन्हें मुंहतोड़ जवाब देना पड़ा. उन्होंने यह भी बताया कि मौके से पकड़े गए नक्सलियों (एक महिला और एक पुरुष) से गहन पूछताछ हो रही है. कई बड़े नक्सली फोर्स के मूवमेंट से भयभीत है और इस एनकाउंटर की कामयाबी से विवाद पैदा करना चाहते हैं.

उधर, मुठभेड़ स्थल से बरामद हथियारों, नक्सली प्रचार सामग्री और दूसरे सामानों को सुकमा जिला मुख्यालय लाया गया है. बस्तर रेंज के डीआईजी रतनलाल डांगी और एसपी अभिषेक मीणा के मुताबिक आत्मसमर्पित नक्सलियों ने इस एनकाउंटर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

उनके मुताबिक पूर्व सूचना के आधार पर इस नक्सली कैंप की घेराबंदी की योजना तैयार की गई थी. उन्होंने बताया कि सभी 14 नक्सलियों की शिनाख्त कर ली गई है. सुकमा में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नक्सलियों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया.

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