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अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा जाने वाला आतंकी संगठन आईएसआईएस का भारत प्रमुख शफी अर्मार सोशल मीडिया पर एक्टिव हो रहा है. हाल ही में NIA और अमेरिका की जांच एजेंसी FBI के साथ हुई मीटिंग में इस बात का खुलासा हुआ है.
जांच एजेंसियों को ये खबर विश्वसनीय सूत्रों से मिली थी कि इंटरनेट के जरिए हिंदुस्तान में आईएसआईएस के आतंकियों की फसल उगाने में लगे शफी का काम तमाम हो गया. लेकिन हाल ही कुछ ऐसे मेल एजेंसियों की निगाह में आए हैं जिनके शफी अर्मार से जुड़े होने का शक हो रहा है.
अप्रैल में आई थी शफी के मारे जाने की खबर
शफी अर्मार भारत में युवाओं को जोड़ने की कोशिश में जुटा था. आजतक के पास शफी अर्मार के 2015 के वो चैट्स की कॉपी मौजूद है जो उसने भारत के युवाओं को भर्ती करने के लिए युसूफ अल हिंदी के बदले हुए नाम से की थी. आईएसआईएस के आतंकी शफी अर्मार उर्फ युसुफ अल हिंदी के मेल भारतीय जांच एजेंसियों की मुसीबत बन गए हैं. शफी के मेल उसके जिंदा होने का इशारा कर रहे हैं. सीरिया और पाकिस्तान में हिंदुस्तान के खिलाफ आतंकी साजिश रच रहे शफी के अप्रैल में एक ड्रोन हमले में सीरिया में मारे जाने की खबर सामने आई थी.
हिंदुस्तानियों को बम बनाना सिखा रहा था शफी
एजेसियों ने ये पूरा नेटवर्क साइबर दुनिया पर अपनी पैनी नजर के सहारे पकड़ा था. युसुफ अल हिंदी ने स्काईप से अपने हिंदुस्तानी संपर्कों को ये मेल किए थे. जिसकी कॉपी आजतक के पास मौजूद है. कुछ महीने पहले देश भर में एनआईए ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आईएसआईएस के जिन 25 आतंकियों को गिरफ्तार किया था वो ज्यादातर शफी के संपर्क में थे. युसुफ अल हिंदी ने मुदब्बीर शेख को लिखा था कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बम बनाना सीखे. आपको बता दें की मुदब्बीर शेख जिसे NIA ने मुंबई से पकड़ा था उसके खाते में 7 लाख रुपये भी आए थे.
शफी का पता लगाने में जुटी जांच एजेंसियां
जांच एजेंसिया अब शफी का पता लगाने में जुट गई हैं एजेंसियां ये जानना चाहती हैं कि क्या शफी खुद सोशल साइट में काम करके भर्ती कर रहा है या फिर कोई और इस गतिविधि को अंजाम दे रहा है.