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कृत्रिम झीलों के मामले में भारत के साथ संपर्क बनाए रखेगा चीन

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘चीनी पक्ष सीमापार नदियों पर भारतीय पक्ष के साथ मौजूदा माध्यमों से संपर्क बनाए रखेगा.’ उन्होंने कहा कि चीन के अधिकारियों की ओर से किए गए सत्यापन के बाद यह पता चला है कि ये झीलें भारत-चीन सीमा के पूर्वी हिस्से में हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:26 AM IST

चीन ने मंगलवार को कहा कि वह तिब्बत में भूकंप के बाद भूस्खलन के कारण ब्रह्मपुत्र नदी पर बनी कृत्रिम झीलों के मामले पर भारत के साथ संपर्क बनाए रखेगा. झीलों की वजह से कुछ भारतीय इलाकों में बाढ़ आने की आशंका पैदा हो गई है.

खबरों के अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी पर तीन बड़ी कृत्रिम झीलें बन गई हैं, हालांकि इन झीलों के आकार और इनमें मौजूद पानी के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. पिछले महीने तिब्बत में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण ब्रह्मपुत्र नदी पर ये कृत्रिम झीलें बनी हैं. चीन में ब्रह्मपुत्र को यारलुंग तसांगपो कहा जाता है.

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इसको लेकर यह चिंता है कि अगर ये झीलें टूटती हैं तो इनसे निकलने वाले पानी से शियांग (अणाचल प्रदेश में) और ब्रह्मपुत्र (असम में) के किनारे रहने वाले लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘चीनी पक्ष सीमापार नदियों पर भारतीय पक्ष के साथ मौजूदा माध्यमों से संपर्क बनाए रखेगा.’ उन्होंने कहा कि चीन के अधिकारियों की ओर से किए गए सत्यापन के बाद यह पता चला है कि ये झीलें भारत-चीन सीमा के पूर्वी हिस्से में हैं.

प्राकृतिक कारणों से बनी झीलें

उन्होंने कहा कि ये झीले प्राकृतिक कारणों से बनी हैं. यह व्यक्ति द्वारा अंजाम दी गई घटना नहीं है. मैंने इसका संज्ञान लिया कि अधिकृत भारतीय पेशेवरों ने इसका विश्लेषण किया है और स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि भारतीय मीडिया इस मामले में निराधार आकलन नहीं करेगा.’ प्रवक्ता ने कहा कि चीनी अधिकारी इस मुद्दे पर भारतीय पक्ष के साथ संपर्क बनाए रखेंगे.

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