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देश के सबसे लंबे भूपेन हजारिका पुल पर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है. खुफिया रिपोर्ट्स मिलने के बाद असम पुलिस ने इस पुल की सुरक्षा बढ़ा दी है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेन हजारिका पुल का उद्घाटन 26 मई को ही किया था.
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी, स्पेशल ब्रांच) पल्लब भट्टाचार्य ने शुक्रवार को बताया, 'हाल में, हमें कुछ खुफिया इनपुट्स मिले और हमें लगता है कि ब्रिज को खतरा है'.
चीन ने पहले ही चेताया था
28 मई को चीन ने भारत को अरुणाचल प्रदेश में इंफ्ररास्ट्राकचर बनाने पर संयम रखने को कहा था. बता दें की बीजिंग पहले से ही भारत के इस अंग पर अपने अधिकार का दावा करते आया है. पुल के उद्घाटन के महज 2 दिनों बाद ही चीन के बयान ने सवाल तो पैदा कर दिया था. खैर सुत्रों की माने तो पुल की सुरक्षा को CISF के हवाले करने के लिए केंद्र के सथ बातचीत चल रही है. जिससे इस पुल की सुरक्षा को चाक चौबंद हो जाए.
सेना के मूवमेंट में आसानी
9.15 किलोमीटर लंबा भूपेन हजारिका पुल असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ता है. इस पुल के जरिए अरुणाचल से लगी चीन सीमा पर भारतीय सेना का तेज मूवमेंट मुमकिन है. इस पुल से होकर भारी सैन्य वाहनों को भी कम से कम समय में चीन सीमा पर ले जाया जा सकता है.
भूपेन हजारिका पुल की खासियत
भूपेन हजारिका पुल सिज्मिक जोन-5 में स्थित भूकंप संभावित इलाके में है. इसकी डिजाइन ऐसी है कि यह तेज भूकंप के झटकों को भी सह सकता है. भूकंपरोधी डिजाइन का यह पुल भारी सैन्य वाहनों, तोपों और टैंकों के तेज मूवमेंट को भी सुनिश्चित करता है. ऐसे में इस पुल को नुकसान पहुंचाना आसान नहीं है.
भूपेन हजारिका पुल की मदद से आर्मी के जवान आसानी से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक आसानी से पहुंच सकती है. यही चीन की बैखलाहट का मुख्य कारण है.