
चीन और पाकिस्तान की बढ़ती दोस्ती भारत के लिए सिरदर्द का सबब बन सकता है. राजस्थान से लगी सीमा पर चीन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ युद्धाभ्यास कर रहा है. 'शाहीन ईगल-4' नाम से चलने वाला यह साझा अभ्यास रेगिस्तान में युद्ध क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है.
बीते 8 सितंबर से शुरू यह अभ्यास जैसलमेर, बीकानेर और गंगानकर से सटे अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार हो रहा है. इसके अगले महीने तक चलने की बात कही जा रही है. बीते चार वर्षों में चीन-PAK के बीच यह तीसरा ऐसा कार्यक्रम है.
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, चीन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सामरिक सुरक्षा के हर स्तर पर अपनी मदद बढ़ा रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है. पाकिस्तान को चीन से न सिर्फ हथियार मिल रहे हैं, बल्कि वह उसे टैंक, यूएवी और गोला बारूद को अपग्रेड करने में भी मदद कर रहा है.
भारत पर दबाव बनाने की कोशिश
सूत्रों का कहना है कि साझा युद्धाभ्यास और सामरिक सुरक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान की मदद कर चीन भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. इस तरह की गतिविधि का हिस्सा बनकर चीन तीसरी बार राजस्थान से सटे सीमा के पास आ चुका है. चीन और पाकिस्तानी सेना का युद्धाभ्यास पाकिस्तान के रहीम यार खान, इस्लामगढ़, भवलपुर और दूसरे अन्य इलाकों में हो रहा है, जो जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर के निकट हैं.
बताया जाता है कि रेगिस्तानी इलाकों के युद्धाभ्यास के साथ ही दोनों मुल्क सीमा के 30-40 किमी के दायरे में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए भी अभ्यास कर रहे हैं. भारत के लिए एक चिंताजनक स्थिति यह भी है कि देश के पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर से सटे इलाकों में चीन के सैनिकों की मौजूदगी पहले से हैं, वहीं अब लिबरेशन आर्मी के जवान राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों के निकट भी पहुंच गए हैं.
सूत्र कहते हैं कि चीनी विशेषज्ञों का एक बड़ा दल तेल और गैस की खोज के लिए भी रेगिस्तानी इलाकों में मौजूद है और यह भारतीय सीमा से सिर्फ 2-5 किमी की दूरी पर है.