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युद्धग्रस्त यमन से चीन ने बचाए 83 और नागरिक

आंतरिक कलह से जूझ रहे यमन से चीन और श्रीलंका के 83 नागरिकों को लेकर चीन का एक युद्धपोत मंगलवार सुबह जिबूती बंदरगाह पहुंचा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, लिनी मिसाइल युद्धपोत पर सवार चीनी नागरिकों और चीन के दूतावास के अधिकारियों का यह आखिरी जत्था था. इसके अलावा इसमें 45 श्रीलंकाई नागरिक सवार थे.

यमन में भयावह हैं हालात यमन में भयावह हैं हालात
aajtak.in
  • जिबूती,
  • 07 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST

आंतरिक कलह से जूझ रहे यमन से चीन और श्रीलंका के 83 नागरिकों को लेकर चीन का एक युद्धपोत मंगलवार सुबह जिबूती बंदरगाह पहुंचा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, लिनी मिसाइल युद्धपोत पर सवार चीनी नागरिकों और चीन के दूतावास के अधिकारियों का यह आखिरी जत्था था. इसके अलावा इसमें 45 श्रीलंकाई नागरिक सवार थे.

यमन में हौती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी के नेतृत्व में हमले शुरू होने के बाद से चीन की सरकार द्वारा किया गया यह चौथा बचाव अभियान है. बचाए गए चीनी नागरिक शाम के समय वाणिज्यिक विमान से चीन जाएंगे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक चीन की एक निर्माण कंपनी के इंजीनियर ने पोत से उतरने के बाद कहा, 'सना में इन दिनों सुरक्षा स्थिति बदतर हो गई है. दिन के समय लगातार बमबारी होती रहती है और रात में विस्फोटों की आवाजें सुनी जा सकती हैं, पर जैसे ही मैं लिनी पर सवार हुआ, मैंने राहत की सांस ली.'

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श्रीलंकाई महिला फातिमा अब्दुल कादिर और उनके पति भी इस पोत पर सवार थे. उन्होंने कहा, 'जहाज में उन्होंने हमारे लिए लिए जो कुछ भी किया गया उससे हमें बहुत आराम मिला. उन्होंने हमारे लिए न केवल खाने और आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था की थी, बल्कि उन्होंने हमारे मनोरंजन का भी इंतजाम किया था.'

चीन की सेना के अधिकारी जियांग गोपिंग ने कहा, 'यह पहली बार है जब लिनी ने नागरिकों को अल-हौदयदा बंदरगाह से बाहर निकाला हो.' लिनी द्वारा पूर्व में दो निकासी अभियानों को अंजाम दिया जा चुका है और यह दोनों अभियान अदन के बंदरगाह से पूरे गिए गए थे. यमन में चार अभियानों में चीन अभी तक अपने 629 नागरिकों को बाहर निकाल चुका है. इसके अलावा 297 विदेशी नागरिकों को भी चीन ने बचाया है.

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