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लखवी के मुद्दे पर चीन की सीनाजोरी, कहा- हम तथ्यों पर दे रहे पाकिस्तान का साथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की पाकिस्तान में रिहाई का मुद्दा चीन के सामने भी उठाया, लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. मामले पर पाकिस्तान का पक्ष लेने वाले चीन ने भारत को ही आंखें दिखाने का प्रयास किया है.

Xi Jinping, PM MOdi Xi Jinping, PM MOdi
aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 09 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की पाकिस्तान में रिहाई का मुद्दा चीन के सामने भी उठाया, लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. मामले पर पाकिस्तान का पक्ष लेने वाले चीन ने भारत को ही आंखें दिखाने का प्रयास किया है.

चीन ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की भारत की मांग को संयुक्त राष्ट्र में रोकने के अपने कदम का बचाव किया और कहा कि उसका रुख ‘तथ्यों’ पर आधारित और ‘वास्तविकता और निष्पक्षता’ की भावना में था.

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'भारत और चीन दोनों आतंकवाद के पीड़ित'
चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पत्रकारों से कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर चीन हमेशा 1267 समिति के मामलों से हमेशा तथ्यों के आधार पर और वास्तविकता एवं निष्पक्ष की भावना के साथ निपटता है.’ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस मुद्दे को उफा में ब्रिक्स और एससीओ शिखर बैठकों से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने उठाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं.

मोदी-शी वार्ता को ‘रचनात्मक और समग्र’ करार देते हुए हुआ ने कहा कि चीन ने लखवी मुद्दे पर भारत और दूसरी पार्टियों के साथ अच्छा संवाद कायम रखा है.

आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बता सकती हूं कि भारत और चीन आतंकवाद के पीड़ित हैं. चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और आतंकवाद विरोध पर अतंरराष्ट्रीय सहयोग के समन्वय में संयुक्त राष्ट्र के अग्रणी भूमिका निभाने का समर्थन करता है. चीन ने वैश्विक सहयोग में सक्रियता से भाग लिया है.’

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बेअसर रही PM मोदी की आपत्ति
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को रूस के उफा में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से करीब 85 मिनट लंबी मुलाकात की थी. इस दौरान पीएम ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी के मामले में चीन द्वारा पाकिस्तान के खि‍लाफ प्रस्ताव को ब्लॉक करने पर कड़ी आपत्ति‍ जताई थी. लेकिन इस आपत्ति का चीन के रुख पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है.

चीन ने पैदा की थी यूएन में रुकावट
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध संबंधी समिति की बैठक में भारत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी की रिहाई के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन चीन के प्रतिनिधियों ने इस आधार पर अवरोध पैदा कर दिया कि नई दिल्ली ने पर्याप्त सूचना नहीं जुटाई है. इस मुद्दे पर चीन के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया था, लेकिन आज हुआ ने कुछ अधिक विस्तृत उत्तर दिया.

बीते 2 जुलाई को चीन के कदम को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के एशियाई मामले के विभाग के उप महानिदेशक हुआंग जिलियान ने कहा था कि इस मुद्दे को लेकर आतंकवाद पर बनी भारत-चीन साझा व्यवस्था में चर्चा की जानी चाहिए.

पिछली रात मोदी-शी की बातचीत के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय चीन के दूतावास के साथ चर्चा कर सकता है. कई व्यवस्थाएं हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शी को अपनी चिंताओं से अवगत कराया कि चीन के इस कदम को भारत के लोगों ने किस तरह से लिया है.

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