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दोस्ती में दरार! चीन का PAK को तगड़ा झटका, CPEC रोड परियोजनाओं की फंडिंग रोकी

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत बन रहे तीन बड़े सड़क प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाले फंड को रोक दिया है. CPEC के तहत बनने वाले इन प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है.

पाकिस्तान प्रधानमंत्री अब्बासी और चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग पाकिस्तान प्रधानमंत्री अब्बासी और चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग
राम कृष्ण
  • इस्लामाबाद,
  • 05 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को उसके हमसफर दोस्त चीन ने तगड़ा झटका दिया है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत बन रहे तीन बड़े सड़क प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाले फंड को रोक दिया है.

CPEC के तहत बनने वाले इन प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि फिलहाल चीन सरकार ने CPEC के तहत बनने वाले रोड नेटवर्क की तीन परियोजनाओं की फंडिंग को रोक दिया है.

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चीन के इस फैसले से पाकिस्तान नेशनल हाइवे अथॉरिटी (NHA) के अरबों डॉलर की सड़क परियोजनाओं को करारा झटका लगेगा. वहीं, पाकिस्तान अपने दोस्त चीन से मिले इस झटके से हैरान है. अब चीन सरकार इस मामले में आगे फैसला लेगी और नई गाइडलाइंस जारी करेगी, जिसके बाद ही इन परियोजनाओं को फंडिंग जारी की जा सकेगी.

चीन इस मामले में भविष्य में क्या फैसला लेता है, इसका पता तो बाद में ही चलेगा, लेकिन इतना तो तय है कि फिलहाल पाकिस्तान की सड़क परियोजनाएं ठप हो जाएंगी. मालूम हो कि वन बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत बनने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा PoK से गुजरता है. इस परियोजना के जरिए चीन का शिनजियांग इलाका पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से जुड़ेगा.

जिन परियोजनाओं के लिए चीन ने फंड रोका है, उनमें 81 अरब रुपये की लागत से बनने वाला 210 किमी लंबा डेरा इस्माइल खान-झोब रोड, 19.76 अरब रुपये की लागत से बनने वाला 110 किमी लंबा खुजदार बसिमा रोड और 8.5 अरब रुपये की लागत से बनने वाला 136 किमी लंबा राजकोट से थाकोट के बीच काराकोरम हाइवे शामिल हैं.

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इसका भारत लंबे समय से विरोध कर रहा है. भारत का कहना है कि PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्ज कर रखा है. भारत का कहना है कि चीन की ओर से PoK में CPEC का निर्माण करना उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है. इसी के चलते भारत ने चीन में आयोजित OBOR समिट का भी बहिष्कार किया था.

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