
उत्तराखंड में आपदा की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. कई दिनों तक एक ही पड़ाव पर रुकना पड़ रहा है. वहीं भारत सरकार की वार्ता के बाद चीन सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रियों का वीजा का समय 10 दिन बढ़ा दिया है. अब कुछ दिन लेट होने के बाद भी यात्री कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी कर सकेंगे.
खराब मौसम के बीच कैलास मानसरोवर यात्रियों का पांचवा और छठा दल सकुशल वापस आ गया है. सभी यात्रियों ने केएमवीएन के व्यवस्था और होम स्टे प्लान की काफी सराहना की है. मौसम की खराबी के बीच गुंजी में करीब 6 दिन बिताने के बाद कैलास मानसरोवर यात्रा का पांचवां और छठा दल सकुशल हल्द्वानी केएमवीएन पहुंच गया है. यात्रियों के मुताबिक, सफर कठिन था लेकिन बेहद उत्साहित भरा रहा. सुविधाएं जितनी सोची थी उससे कही ज्यादा बढ़कर मिली.
हालांकि, खराब मौसम के चलते जो 6 दिन गुंजी में रुकना पड़ा, जो कि बेहद कठिन थे. लेकिन इन दिनों उन्होंने गुंजी के अलग-अलग स्थानों पर ट्रैकिंग की. यही नहीं बल्कि होम स्टे का लुत्फ भी उठाया. यात्रा दल की एलओ बताती हैं कि होम स्टे का अनुभव बेहद शानदार रहा. क्योंकि उस जगह की परंपरा पर्यटन और स्थानीय चीजों को भी जानने का मौका मिला. उन्होंने बताया की उत्तराखंड में होम स्टे की योजना राज्य में पर्यटन को नया आयाम दे सकती है.
केएमवीएन अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल यात्रा में कोई दिक्कत नहीं है और सभी दल सुचारू रूप से यात्रा पर आएंगे. उनके मुताबिक, यदि यात्रा में कोई दिक्कत आती है तो गुंजी सबसे सुरक्षित स्थान है. यात्रियों के लिए खाने-पीने की सामग्री चॉपर से भेजी जा रही है.
वहीं यात्रियों का कहना है कि भारत के लास्ट सीमा उत्तराखंड तक काफी अच्छी सुविधाएं सरकार और कुमाऊं मंडल विकास निगम दे रहा है. लेकिन वही बॉर्डर पार करने के बाद चीन सीमा में प्रवेश करते ही खाने रहने और टॉयलेट की बहुत सी समस्याएं यात्रियों को हो रही है और सरकार से वह अपील करेंगे कि इन समस्याओं को भी चीन सरकार से बात कर समाधान करने की कोशिश भारत सरकार करें.