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जानिए क्या है प्लाज्मा थेरेपी, जिससे कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं चीन के डॉक्टर

चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए ठीक हो चुके लोगों का प्लाज्मा वरदान बनकर उभरा है. मरीजों को ठीक हो चुके लोगों का प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा है, जिससे उनकी हालत में सुधार देखा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस कदम की तारीफ की है.

प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हो रहे कोरोना वायरस से संक्रमित लोग (तस्वीर-PTI) प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हो रहे कोरोना वायरस से संक्रमित लोग (तस्वीर-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

  • ठीक हो चुके रोगियों का प्लाज्मा इलाज में मददगार
  • शंघाई के डॉ़क्टर कर रहे हैं प्लाज्मा का इस्तेमाल
चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी है. कोरोना वायरस की वजह से अब तक चीन में 1800 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. चीन में कोरोना वायरस की वजह से फैली तबाही के बीच शंघाई के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ निकाला है. डॉक्टर कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों का प्लाज्मा कलेक्ट करते हैं, फिर जिन मरीजों का इलाज हो रहा है, उन्हें चढ़ा देते हैं. इससे मरीजों को राहत मिलती नजर आ रही है. सोमवार को चीन के एक मेडिकल प्रोफेसर ने इसकी जानकारी दी.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(WHO) ने कहा है कि प्रयोग के हिसाब से प्लाज्मा का इस्तेमाल ठीक है, लेकिन इसके लिए पेशेंट की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होनी चाहिए. डॉक्टरों के सामने पेशेंट की रोग प्रतिरोधक बढ़ाने की भी चुनौती है.

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ठीक हुए लोगों के कलेक्टेड प्लाज्मा लोगों के इलाज के लिए बेहतर दवा बनकर उभरा है. जो लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं, उनके इलाज में मदद मिल रही है.

WHO के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के हेड डॉक्टर माइक रेयान ने इस बात की जानकारी जेनेवा में दी. माइक रेयान ने कहा कि इस दिशा में काम किया जाना चाहिए. डॉक्टर माइक का मानना है कि हाइपरिम्यून ग्लोब्युलिन रोगियों में एंटीबॉडी को बेहतर बनाता है, जो रोगियों को बेहतर करता है. इसका इस्तेमाल सही वक्त पर किया जाना चाहिए. यह वायरस को खासा नुकसान पहुंचाता है और इससे मरीज का प्रतिरक्षा तंत्र बेहतर होता है और वह कोरोना वायरस से लड़ने में बेहतर होता है. इसे सही वक्त पर किया जाना चाहिए, और यह हर बार सफल हो यह जरूरी नहीं है.

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WHO ने भी की तारीफ

डॉक्टर रेयान ने कि यह एक महत्वपूर्ण खोज है. मुझे विश्वास है कि चीन इस मामले में बेहतर परीक्षण करेगा. जब इलाज के लिए बेहतर वैक्सीन नहीं होता है तो ऐसा करना ठीक होता है. प्लाज्मा थेरेपी से इतर चीन के डॉक्टर एंटी वायरस ड्रग्स के लाइसेंस के लिए भी प्रयासरत हैं. देखते हैं यह कितना मददगार साबित होता है.

1800 लोगों की अब तक हो चुकी है मौत

कोरोना वायरस चीन में महामारी की तरह उभरकर आया है. चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में सी-फूड मार्केट से फैली इस महामारी ने चीन में देखते-देखते 1800 से ज्यादा लोगों की जिंदगियां निगल ली हैं. चीन में 11,298 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं , वहीं 11,298 लोगों की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. 47,117 लोगों की हालत स्थिर है, वहीं 11,145 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए हैं. चीन में अभी 58,415 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.

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सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 332 मामले सामने आए. शंघाई पब्लिक हेल्थ क्लिनिक सेंटर के प्रोफेसर लू होंगझोउ का दावा है कि 184 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. 166 मामले अभी शुरुआती स्टेज पर हैं, वहीं 18 की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है.

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वुहान में भी इसी तरह हो रहा इलाज

वहीं इससे पहले वुहान के चिनइनथान अस्पताल के प्रधान च्यांग तिंगयू ने कहा था कि स्वस्थ हो गए एनसीपी रोगियों के शरीर में बहुत एंटीबॉडी दिए गए हैं, जो नोवेल कोरोना वायरस का प्रतिरोध कर सकते हैं. एनसीपी रोगियों का प्लाज्मा गंभीर मामलों के इलाज में प्रभावी है. वुहान के चिनइनथान के प्रधान ने बताया कि अस्पताल उन लोगों के प्लाज्मा का अध्ययन कर रहा है, जो एनसीपी से पीड़ित थे और अध्ययन का आरंभिक परिणाम मिल गया है. अब टीका व कारगर दवा के अभाव की पूर्वशर्त पर विशेष प्लाज्मा का प्रयोग करके एनसीपी रोगियों का इलाज एक कारगर उपाय है. डॉक्टर रोगियों से प्लाज्मा दान करने की अपील कर रहे हैं कि एनसीपी से ग्रस्त अन्य रोगियों को बचाया जा सके.

प्लाज्मा डोनेट करें ठीक हो चुके लोग

चाइना राष्ट्रीय बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी) ने 13 फरवरी को इस बात की घोषणा की थी कि गंभीरता से रक्त जैविक सुरक्षा परीक्षण, वायरस निष्क्रियता और एंटीवायरस सक्रियता की जांच आदि प्रक्रिया के बाद सफलता से क्लिनिकल उपचार के लिए विशेष प्लाज्मा तैयार किया गया है. इसका प्रयोग एनसीपी के गंभीर मामलों के इलाज में किया जाएगा. साथ ही सीएनबीजी और वुहान रक्त केंद्र ने संयुक्त रूप से आह्वान भी किया है कि स्वस्थ हो गए एनसीपी रोगी रक्तदान करें.

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