
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सीके बोस ने मोदी सरकार को नसीहत दी है. सीके बोस ने कहा, 'मैंने अपने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि अगर हम थोड़ा सा संशोधन करते हैं तो विपक्ष का पूरा आंदोलन बेकार हो जाएगा. हमें विशेष रूप से यह बताने की जरूरत है कि यह उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है. हमें किसी धर्म का जिक्र नहीं करना चाहिए. हमारा दृष्टिकोण अलग होना चाहिए.'
बीजेपी नेता सीके बोस ने कहा, 'बिल जब कानून बन जाता है तो यह राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी है. यह कानूनी स्थिति है, लेकिन एक लोकतांत्रिक देश में आप देश के नागरिकों पर कोई भी कानून थोप नहीं सकते हैं. हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हम सही हैं और वे गलत हैं. आप किसी को गाली नहीं दे सकते हैं. आज हमारे पास संख्या है, सिर्फ इसलिए हम डर की राजनीति नहीं कर सकते. आइए हम सीएए के लाभों के बारे में लोगों को बताते हैं.'
केंद्र से जारी हो चुका है नोटिफिकेशन
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 केंद्र सरकार ने 10 जनवरी से ही पूरे देश में लागू कर दिया है. इसे लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके साथ ही 10 जनवरी 2020 से ही नागरिकता संशोधन कानून पूरे देश में लागू हो चुका है. अब शरणार्थियों को नागिरकता देने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.
क्या है नागरिकता कानून?
नागरिकता अधिनियम, 1955 में केंद्र सरकार ने बदलाव किया है. सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी अब सार्वजनिक है. इस कानून के लागू होने के बाद से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था.
(ANI इनपुट के साथ)