
नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने के मामले में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता प्रशांत किशोर अपने रुख से पीछे नहीं हटे हैं. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
ऐसे में जेडीयू ने अपने नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि पार्टी ने अपनी लाइन तय कर दी है, जिन्हें पसंद नहीं है वो अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. पार्टी के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि जिन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है वो पार्टी की अनुकम्पा पर हैं. बता दें कि जेडीयू के समर्थन के मुद्दे पर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा समेत कई नेताओं ने अपनी नाराजगी जताई है.
जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन ट्वीट कर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अपनी पार्टी के रुख के खिलाफ जाते हुए ट्वीट किया, "बहुमत से संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है, क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है."
प्रशांत किशोर ने आगे लिखा, "तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल) ने सीएबी और एनआरसी को नकार दिया है और अब दूसरे राज्यों को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है."
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जेडीयू ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी, परंतु किशोर ने उन सलाहों को नजरअंदाज करते हुए एक बार फिर अपनी नाराजगी सार्वजनिक की है.