
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पूरे देश में विरोध जारी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, 'नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) भारत में फासीवादियों की ओर से फैलाए गए बड़े ध्रुवीकरण का हथियार है. इन गंदे हथियारों के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है.'
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं उन सभी के साथ एकजुटता से खड़ा हूं जो सीएबी और एनआरसी के खिलाफ शांति से विरोध कर रहे हैं.' इस बीच विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा है. राष्ट्रपति कोविंद को नागरिकता संशोधन कानून के बाद देश के हालात के बारे में बताया जाएगा.
उधर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), 2019 के विरोध में हो रही हिंसा पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने केंद्र व प्रदेश सरकार से उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करने के लिए कहा है.
मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, "नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ व फिर जामिया यूनिवर्सिटी में और पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र व आमलोग शिकार हुए हैं, यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है और पार्टी पीड़ितों के साथ है."
दूसरी ओर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नागरिक संशोधन कानून को भारत सरकार की अहम उपलब्धि बताते हुए कहा कि मोदी सरकार की स्पष्ट नीति के कारण ही नागरिक संशोधन विधेयक संसद में पारित हो सका है. उन्होंने ट्वीट करके कहा, "मोदी सरकार 2.0 की स्पष्ट नीति से संसद में पारित हुए असंभव लगने वाले विधेयक, धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन शरणार्थियों को नागरिकता.