Advertisement

लोकसभा में अमित शाह का ऐलान- कभी स्वीकार नहीं किए जाएंगे रोहिंग्या

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि एनआरसी और इसको (नागरिकता संशोधन बिल) जोड़ने की जरूरत नहीं है. एनआरसी करेंगे तब स्पष्टता के साथ इसी सदन में इसी प्रकार से सबको इसकी जानकारी दूंगा. मान कर चलिए एनआरसी आने वाला है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (ANI) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

  • नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास
  • पक्ष में 311 और विरोध में महज 80 वोट पड़े

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए पेश किए गए विधेयक पर हुई बहस के दौरान कहा कि हम रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. शाह ने बताया कि रोहिंग्या बांग्लादेश के रास्ते भारत में आते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं सभी भाई-बहनों को साफ कर देना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है. हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे.

Advertisement

अमित शाह ने बहस के दौरान कहा, जो वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देना चाहते हैं, हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे. वोट के लिए घुसपैठियों को शरण देने वाले चिंतित हैं. रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. मैं अभी यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं.

अमित शाह ने कहा कि इस बिल में कोई ट्रैप नहीं है. यह सिर्फ तीन देशों के लिए सिटिजनशिप है लेकिन उनके लिए ट्रैप है जो घुसपैठियों को आने देते हैं. अनुच्छेद 371 में कोई बदलाव नहीं है. हम उसमें कोई बदलाव करने नहीं जा रहे. अनुच्छेद 371 को नहीं छेड़ा जाएगा. इसमें अलग झंडा या संविधान का कोई प्रावधान नहीं है. शाह ने कहा, एक बार एनआरसी आ जाएगा तो देश में एक भी घुसपैठिया नहीं बचेगा.

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि एनआरसी और इसको (नागरिकता संशोधन बिल) जोड़ने की जरूरत नहीं है. एनआरसी करेंगे तब स्पष्टता के साथ इसी सदन में इसी प्रकार से सबको इसकी जानकारी दूंगा. मान कर चलिए एनआरसी आने वाला है. अरुणाचल प्रदेश के बारे में उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम इनर लाइन परमिट से सुरक्षित हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. पूरा नगालैंड, दिमापुर का कुछ हिस्सा छोड़कर इनर लाइन परमिट से सुरक्षा प्राप्त है. उन्होंने कहा, यह बिल तभी नोटिफाई होगा जब मणिपुर को इनर लाइन परमिट दे दिया जाएगा.

Advertisement

इसके साथ ही नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया. इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े, वहीं विपक्ष में 80 वोट पड़े. इस दौरान सांसद असदुद्दीन ओवैसी के संशोधन को खारिज कर दिया गया. ओवैसी के सुझाए गए पहले संशोधन को 12 तो दूसरे को महज 9 वोट मिले.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement