
नागरिकता संशोधन विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला बताकर विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही हैं. इस विधेयक को लेकर संसद में जमकर बहस और हंगामा हुआ. इस बीच राज्यसभा में अहमदिया मुसलमानों को नागरिकता देने के सवाल पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने मुसलमानों को भी नागरिकता दी है.
इससे पहले एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा था कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 566 मुसलमानों को नागरिकता दी गई है. नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भले ही नागरिकता संशोधन विधेयक पर मुसलमानों को नागरिकता देने का जिक्र नहीं है, लेकिन मुस्लिमों को नागरिकता देने का रास्ता बंद नहीं होगा.
अमित शाह ने कहा कि जो मुस्लिम नागरिकता के लिए आवेदन देंगे, उनकी नागरिकता पर विचार किया जाएगा. इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. वहीं, बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. लोकसभा नागरिकता संशोधन विधेयक को पहले ही पास कर चुका है.
अब नागरिकता संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा. इसके बाद इसको सरकारी गजट में प्रकाशित किया जाएगा. सरकारी गजट में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो जाएगा. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने की व्यवस्था की गई है.