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हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा से आम लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. सैनिकों और प्रदर्शनकारियों के बीच 9 जुलाई को हुई झड़प और पत्थरबाजी में 15 साल की एक बच्ची की दोनों आंखें चली गईं.
श्रीनगर स्थित SMHS अस्पताल में भर्ती इंशा लोन अब कभी देख नहीं पाएगी. डॉक्टरों ने बताया कि उसकी दोनों आंखों में पत्थरों से चोट लगने की वजह से रोशनी जा चुकी है. एम्स से भी डॉक्टरों की एक टीम ने अस्पताल जाकर इंशा की स्थिति का जायजा लिया लेकिन वह भी नाउम्मीद दिखे.
सुरक्षा अधिकारी को घेरकर पीटा
इसी तरह एसएसपी श्रीनगर के निजी सुरक्षा अधिकारी शफाकत अहमद को प्रदर्शनकारियों ने 14 जुलाई को घेर कर पीटा. प्रदर्शनकारियों ने उनके वाहन को आग के हवाले कर दिया और जानबूझकर आंखों पर चोट पहुंचाई. शफाकत का श्रीनगर स्थित आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनकी आंखों में गंभीर चोट आई हैं.
8 घंटे चला एक पुलिसकर्मी का ऑपरेशन
सरकारी आंकड़े के मुताबिक, कश्मीर में बीते 10 दिनों से जारी हिंसा के चलते अब तक 2000 आम नागरिक और 1500 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. इनमें से जो ज्यादा गंभीर हैं उनका इलाज आर्मी अस्पताल में चल रहा है. ब्रिगेडियर एम.एस. तेवतिया ने कहा, '28 सीआरपीएफ जवानों का ऑपरेशन किया जा चुका है, जों गंभीर रूप से जख्मी थे.' उन्होंने बताया कि एक पुलिसकर्मी का ऑपरेशन करने में डॉक्टरों को 8 घंटे लग गए. उनके चेहरे पर कई फ्रैक्चर थे.
घाटी में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच छिड़ी झड़प की वजह से तनाव बढ़ता जा रहा है. जिसके शांत होने में लंबा वक्त लग सकता है.