
शराब को समाज में अनेक समस्याओं की जड़ माना जाता है. लेकिन क्या शराब की बोतलों का इस्तेमाल किसी अच्छे उद्देश्य के लिए लोगों को जागरूक बनाने में किया जा सकता है. मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले अलिराजपुर में प्रशासन की पहल पर ऐसा ही किया जा रहा है.
स्वच्छता अभियान के रास्ते में खुले में शौच करना बड़ी बाधा है. इसी पर लोगों को जागरूक करने के लिए शराब की बोतलों पर स्टीकर्स का सहारा लिया जा रहा है. इन स्टीकर्स में लिखा है- 'जानवर शौचालय का प्रयोग नहीं कर सकते... लेकिन आप तो कर सकते हैं न... क्या आपने अपना शौचालय बनवाया?'
आबकारी विभाग के आदेश पर देसी-विदेशी शराब के सभी ठेकों पर बोतलों पर ये स्टीकर लगाकर ही बेचा जा रहा है. इन ठेकों के सेल्समैन का कहना है कि क्वार्टर, हॉफ, फुल सभी तरह की बोतलों पर ये स्टीकर लगाए जा रहे हैं.
शराब खरीदने वाले कुछ ग्राहक इस कदम को अच्छा बता रहे हैं तो कुछ इसे गलत मान रहे हैं. एक ग्राहक ने कहा कि स्वच्छता से जुड़ा ये संदेश तो बहुत अच्छा है लेकिन शराब की बोतल पर तस्वीर के साथ इसे लिखा देखकर ऐसा लगता है कि हम शराब भी साथ ही छोड़ दें.
एक ग्राहक ने कहा कि शराब की बोतल पर इस तरह का स्टीकर लगाना सरासर गलत है. देना भी था तो ऐसी तस्वीर देने की क्या जरूरत थी जिसमें कुत्ते के साथ इंसान को बैठे हुए दिखाया गया है.
दरअसल, आबकारी विभाग 'रूपालु अलिराजपुर' (सुंदर अलिराजपुर) नाम के अभियान के तहत स्टीकर्स के जरिए 'खुले में शौच नहीं करने' का संदेश दे रहा है. अलीराजपुर में आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त नागेश्वरी सोन केसरी का कहना है कि अलीराजपुर जिला आदिवासी बाहुल्य और बहुत पिछड़ा जिला है, इसलिए यहां जनजागृति की आवश्यकता दूसरे जिलों से ज्यादा है.
अलीराजपुर के कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि आबकारी विभाग के सहयोग से ये अनूठा प्रयोग किया गया है. उद्देश्य सिर्फ इतना है कि लोगों को किसी भी तरह से जागरूक किया जाए और अलिराजपुर को खुले में शौच की समस्या से मुक्त कराया जाए.