
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा करने वाले आदित्य वर्मा ने अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने से बचने की कोशिशों पर केंद्र सरकार को आगाह किया है. आदित्य ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि सरकार यदि कोई खेल विधेयक पारित करती है तो लोढ़ा समिति की सिफारिशें निष्प्रभावी हो जाएंगी और यह भारतीय क्रिकेट के लिए 'गैर-उत्पादक' और समिति की सिफारिशों के उलट होगा.
अदित्या वर्मा ने लिखी केंद्र को चिठ्ठी
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव वर्मा ने केंद्र सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है, 'सरकार यदि बीसीसीआई से संबद्ध कोई खेल विधेयक पारित कर देती है तो बीसीसीआई पर सरकार का नियंत्रण हो जाएगा और बीसीसीआई को स्वायत्तता मिल जाएगी, जिससे लोढ़ा समिति की अहमियत नगण्य रह जाएगी.' उन्होंने कहा, 'इसलिए लोढ़ा समिति की सिफारिशों को प्रभावहीन करने के उद्देश्य से किसी भी तरह के खेल विधेयक को पारित करना अनुत्पादक और लोढ़ा समिति की सिफारिशों के उलट होगा.'
बीसीसीआई पर उठाए सवाल
आदित्य ने कहा, 'मीडिया में इस तरह की अटकलें लगाई गई हैं कि बीसीसीआई सरकार से इस तरह का खेल विधेयक पारित कराने की कोशिशों में लगा हुआ है जिससे वह न्यायाधीश लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने से बच सके.' आदित्य ने आगे कहा, "बीसीसीआई के अधिकारियों को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दूरगामी सुधारों के उद्देश्य से की गईं लोढ़ा समिति सिफारिशों में बोर्ड की स्वायत्ता को बरकरार रखा गया है लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के कामकाज में किसी तरह के सरकारी दखल की बात नहीं कही है.' उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए 30 सितंबर तक की समय सीमा तय की है