
21वें कॉमनवेल्थ खेलों में वेटलिफ्टिंग इवेंट में भारत को एक और पदक मिला. 69 किलो कैटेगरी में भारत के दीपक लाठेर ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. दीपक ने स्नैच में 136 और क्लीन एंड जर्क में 159 किलोग्राम वजन उठाया. आखिरी प्रयास में उन्होंने 160 किलोग्राम का वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई. उन्होंने कुल 295 किलोग्राम वजन उठाया. दीपक के इस प्रदर्शन से भारत की वेटलिफ्टिंग में पदकों की संख्या चार हो गई है. जिसमें दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल है.
पांचवीं के बाद ही गांव छोड़ दिया था
किसान के बेटे दीपक को बचपन में ही भारी वजन उठाने की आदत रही है. खेतों में अकेले ही वो 50 किलो के चारे की बोरी आसानी से उठा लेते है. इसके लिए उन्हें किसी के सहारे की जरूरत नहीं पड़ती थी. पांचवीं कक्षा पास करने के बाद दीपक ने अपना गांव छोड़ दिया था. उनका सेलेक्शन आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में हो गया था. जहां उनकी मुलाकात विदेशी कोच जॉर्ज गुबला से हुई. उन्होंने दीपक को सलाह दी कि वो सही दिशा में मेहनत करे, तो एक दिन देश के बेहतरीन वेटलिफ्टर बन जाएंगे. गोल्ड कोस्ट 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में उनके कोच की बात सही साबित हुई.हरियाणा के जींद जिले के शादीपुर गांव में रहने वाले मजबूत कदकाठी के दीपक ने 2015 में नेशनल यूथ कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में 62 किलोग्राम भार वर्ग में वेटलिफ्टिंग के तीनों भार वर्ग में सबसे ज्यादा वजन उठाने का रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने स्नैच में 120 किलोग्राम, क्लीन जर्क में 141 के साथ कुल 261 किलोग्राम भार उठाकर हर किसी को हैरान कर दिया था.
इसके अलावा उन्होंने एशिया कप में 69 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक, 2017 में ही ऑस्ट्रेलिया में हुई कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में 69 किलोग्राम में यूथ और जूनियर में गोल्ड और सीनियर में कांस्य पदक जीता था.
दीपक से उम्मीदें बढ़ीं
दीपक लाठेर अभी युवा हैं और उनके पास कॉमनवेल्थ से आगे बढ़कर बड़े खेल इवेंट में मेडल जीतने का सुनहरा मौका है. देश के इस दीपक से हर किसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं.