Advertisement

साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ दिल्ली-कानपुर के थानों में शिकायत, इस्तीफे की मांग पर अड़ा विपक्ष

दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में एक चुनावी रैली के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और अपशब्द का इस्तेमाल करने के लिए केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ बुधवार को पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई.

Niranjan Jyoti Niranjan Jyoti
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में एक चुनावी रैली के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने और अपशब्द का इस्तेमाल करने के लिए केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ बुधवार को पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई. दूसरी ओर विपक्षियों पार्टियों ने केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा मांगा है.

पश्चिम दिल्ली के रहने वाले वकील राजीव कुमार भोला ने बुधवार शाम तिलक नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें एक शिकायत मिली है, लेकिन यह प्राथमिकी में बदले जाने के योग्य है या नहीं इसकी जांच करनी होगी. शिकायत दर्ज कराने वाले वकील ने पुलिस से केंद्रीय मंत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए), 295 और 500 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.

Advertisement

भोला ने कहा, 'हमारे नेता सार्वजनिक तौर पर बहुत ज्यादा अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस तरह के बयानों पर उनके नेतृत्व का कोई नियंत्रण नहीं है. इन चीजों से जनभावनाओं को ठेस पहुंचती है. मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.'

निरंजन ज्योति के खिलाफ कानपुर में सपा नेता का प्रार्थना पत्र
कानपुर में समाजवादी पार्टी के एक स्थानीय नेता ने साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिये कोतवाली पुलिस स्टेशन में प्रार्थना पत्र दिया है.

नगर पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि बुधवार शाम सपा नेता हसन रूमी ने साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में एक प्रार्थना पत्र देकर मांग की है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाये, क्योंकि उनके बयान से समाज के एक वर्ग की भावनायें आहत हुई है और इससे समाज के लोगों को दुख हुआ है.

Advertisement

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कोतवाली में प्रार्थना पत्र ले लिया गया है, लेकिन अभी कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. मंत्री का यह भाषण दिल्ली में दिया गया था और वह हमारे क्षेत्र से बाहर आता है इसलिये यह मामला दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं बनता है. लेकिन फिर भी प्रार्थना पत्र लेकर मामले की जांच कराई जा रही है.

- इनपुट भाषा से

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement