
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सीसीटीवी पर दिए बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अरविन्दर सिंह लवली और हारुन यूसूफ ने कहा कि जो आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार मिटाने की बात किया करती थी उन्हीं के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार सीसीटीवी कैमरे को लेकर हुए भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान भटकाने की कौशिश कर रही है.
अजय माकन ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार किया है और देश की सुरक्षा को दाव पर लगाकर भारत सरकार की कम्पनी बेल के द्वारा चीन की सरकारी कम्पनी हिक विजन को ठेका दे दिया. कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने के प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत 130 करोड़ थी जिसको कि टेन्डर शर्तां में छूट देकर 571.40 करोड़ कर दिया गया और जब बेल की वेन्डर लिस्ट में हिक विजन को डाल दिया गया तब यह टेन्डर बेल को दिया गया.
हारुन यूसूफ ने कहा कि दिल्ली में अलीबाबा और 66 चोर की सरकार है. लवली ने कहा कि सिसोदिया यह जता रहे थे कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कल ही तैयार थी और यह कार्य आरडब्लूए को सौपना चाह रही थी, परंतु इस कार्य में विपक्षी दल व दिल्ली के उपराज्यपाल रोड़ा अटका रहे हैं जो कि झूठ है. लवली ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा सीसीटीवी कैमरे के मुद्दे को लेकर बनाई गई कमेटी से भी ऐसा लगता है कि वो सीसीटीवी कैमरे के भ्रष्टाचार के मुद्दे को बदलना चाह रहे हैं.
अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को मनीष सिसोदिया से इस बात का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 15 साल में अपने कार्यकाल में कितने काम किए थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के किए गए विकास कार्यों को दिल्ली अच्छी तरह जानती है. उन्होंने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने पिछले 3 सालों में उन कार्यों को भी आगे नहीं ले जा पाई जिनकी शुरुआत कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने की थी. आप सरकार, कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का रख रखाव भी नहीं कर पा रही है.
अरविन्दर सिंह लवली ने 5 अप्रैल 2018 की एक्पेन्डिचर फाईनेंस कमेटी की बैठक की मिन्ट्स के पेरा B(1)(ii), B(1)(iv)(C) तथा 5(a) का हवाला देते हुए कहा कि प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी पर काम होना था, ईएफसी द्वारा परीक्षण किया जाना था और विस्तृत प्लान के साथ इसकी मंजूरी केबिनेट से ली जानी थी, परंतु इन सभी प्रक्रियाओं से पहले पीडब्लूडी मंत्री श्री सतेन्द्र जैन ने सीसीटीवी कैमरा के प्रोजेक्ट का टेंन्डर मंजूर कर दिया जो कि जीएफआर रुल्स के खिलाफ है और यह इस प्रकार के प्रोजेक्ट में टेन्डर दिए जाने के लिए बनाए गए नियमों के खिलाफ भी है.