
कांग्रेस पार्टी ने केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल पर एक निजी फर्म शिरडी इंडस्ट्रीज के साथ कथित तौर पर संबंध रखने के कारण अनुचित व्यवहार और हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए उन्हें तुरंत पद से हटाने की मांग की है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से इस मामले की जांच कराने की मांग भी की है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, वीरप्पा मोइली और पवन खेड़ा ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि गोयल 25 अप्रैल 2008 और एक जुलाई 2010 के बीच शिरडी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक थे. इसी अवधि में कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाले बैंकों के गठजोड़ से 258.62 करोड़ रूपये का कर्ज लिया था. इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी ट्वीट कर पीयूष गोयल पर निशाना साध चुके हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गोयल ने बाद में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कर्ज को चुकाने में असमर्थता के कारण कंपनी को डिफॉल्ट घोषित कर दिया गया. बहरहाल, मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद 651.87 करोड़ रुपये के बकाया ऋण में से 65 प्रतिशत को बैंकों के गठजोड़ ने किसी आपत्ति के बिना, चौंकाने वाले ढंग से माफ कर दिया.
कंपनी के निदेशक थे गोयल
वीरप्पा मोइली ने दावा किया कि शिरडी इंडस्ट्रीज की सहायक फर्म आसिस इंडस्ट्रीज ने 2015-16 में इंटरकार्न एडवाइजर्स को 1.59 करोड़ रूपये का ऋण दिया. इंटरकार्न पीयूष गोयल की पत्नी सीमा गोयल की स्वामित्व वाली कंपनी है. दिलचस्प है कि गोयल भी 15 सिंतबर 2005 से 22 जुलाई 2013 तक इस कंपनी के निदेशक थे.
कांग्रेस नेता आजाद ने कहा, ‘क्या यह स्पष्ट नहीं है कि केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से यह अनुचित व्यवहार और हितों का टकराव है? शिरडी इंडस्ट्रीज ने अपनी सहायक कंपनी आसिस इंडस्ट्रीज के जरिये मंत्री की पत्नी सीमा गोयल की कंपनी को 1.59 करोड़ रूपये का बिना गारंटी वाला ऋण दिया. पीयूष गोयल ने PMP की वेबसाइट पर अपने सार्वजनिक शपथपत्र में इस ऋण की घोषणा क्यों नहीं की.’
आजाद ने कहा, ‘इस गंभीर और घोटालेपूर्ण तथ्य की सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज से पूरी जांच करायी जानी चाहिए. इससे केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल की स्थिति केंद्रीय मंत्री के रूप में बने रहने के लिए उपयुक्त नहीं रह गयी है. पीयूष गोयल को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.’