
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की आंकड़ों के मद्देनजर हार तय है, लेकिन चुनाव में अपने हिस्से का पूरा मत मिले और क्रॉस वोटिंग ना होने पाए. इसलिए कांग्रेस आलाकमान ने कमर कस ली है. क्रॉस वोटिंग के डर से पार्टी ने हर राज्य में वोटिंग के लिए पर्यवेक्षक भेजने का फैसला किया है.
बड़े कद के नेताओं का चुनाव
उदाहरण के तौर पर सुबोध कांत सहाय को जम्मू-कश्मीर और आरपीएन सिंह को पंजाब भेजने का फैसला किया गया है. इसी तरह हर राज्य में उन नेताओं का नाम फाइनल किया जा रहा है, जो बड़े नेता हैं या संगठन में कद रखते हैं, लेकिन सांसद या विधायक नहीं हैं यानी चुनाव में वोटर नहीं हैं.
पर्यवेक्षक रखेंगे पैनी नजर
दरअसल, कांग्रेस ये भी नजर रखना चाहती है कि दूसरी विपक्षी पार्टियों के मतदाता पूरी तरह मीरा कुमार के साथ हैं या कुछ गड़बड़ हुई है. साथ ही कांग्रेस शासित राज्यों में भी पर्यवेक्षक पैनी नजर रखेंगे और पल-पल की रिपोर्ट आलाकमान को देंगे.
बिहार पर कांग्रेस की विशेष नजर
कुल मिलाकर कांग्रेस की कोशिश यही है कि मीरा भले ही हार जाएं, लेकिन कांग्रेस और बाकी विपक्ष के मतों पर कोई सेंध ना लगने पाए. कांग्रेस आलाकमान की खास नजर बिहार पर है, जहां उसको क्रॉस वोटिंग का डर है. इसीलिए वहां के लिए दमदार और बड़े कद के पर्यवेक्षक को जल्दी ही नियुक्त किया जाएगा.