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बलूचिस्तान पर PM मोदी जो बोले, उसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ सकता है: सलमान खुर्शीद

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने भाषण में पाकिस्तान के बलूचिस्तान का भी जिक्र किया. लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बलूचिस्तान पर बोलने वाले पीएम मोदी पर निशाना साधा.

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद
कुमार विक्रांत/रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने भाषण में पाकिस्तान के बलूचिस्तान का भी जिक्र किया. लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बलूचिस्तान पर बोलने वाले पीएम मोदी पर निशाना साधा. इस मुद्दे पर आज तक ने खुर्शीद से खास बात की. इसी बातचीत के खास अंश...

कांग्रेस पार्टी के नेता और यूपीए सरकार में मंत्री रहे राजीव शुक्ला ने आज तक से बातचीत में कहा है कि बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया है वह नया नहीं है. यह तो कांग्रेस के नरसिम्हा राव सरकार की लाइन थी जिसे उन्होंने दोहराया है. इस पर आप क्या कहेंगे?
खुर्शीद: मैं उस वक्त विदेश राज्य मंत्री था. कभी भी यह लाइन नहीं रही. बलूचिस्तान को लेकर अगर कोई ऐसा कह रहा है तो वह गलत बयानी कर रहा है झूठ बोल रहा है इस से मैं सहमत नहीं हूं.

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बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री ने जो कहा, उस पर पूर्व विदेश मंत्री के नाते आप का क्या कहना है?
खुर्शीद: प्रधानमंत्री ने पूरी तरह गलत बयानबाजी की है. किसी भी देश के मामले में बोलना भारत की विदेश नीति कभी नहीं रही. प्रधानमंत्री ने जो कहा है, वह आने वाले वक्त में भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. यह कैसी विदेश नीति है कि कभी आप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाते हैं, कभी आप अचानक नवाज शरीफ से मिलने पहुंच जाते हैं और कभी लड़ाई झगड़ा मोल लेते हैं. बलूचिस्तान पर भारत का हमेशा से ही यह स्टैंड रहा है कि हम कम-से-कम लाल किले की प्राचीर से किसी दूसरे देश के मामलों में दखलअंदाजी नहीं करते. ऐसे में प्रधानमंत्री ने जो किया, वह आने वाले वक्त में दिक्कतें पैदा करेगा.

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लेकिन आप ने बांग्लादेश को अलग करके क्या किया था?
खुर्शीद: वह एक अलहदा मुद्दा था. लाखों शरणार्थी भारत आ गए थे. बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी का साथ देना उस वक्त का तकाजा था. उसको इस से नहीं जोड़ना चाहिए. अगर कहीं मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है तो हम उस मामले पर बात करते हैं लेकिन लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने जो कहा वह नुकसानदेह है. इसका खामियाजा भारत को आने वाले वक्त में उठाना पड़ सकता है.

विदेश नीति को कैसे देखते हैं आप?
खुर्शीद: मोदी सरकार की यह विदेश नीति फ्लॉप विदेश नीति है जो मैं आपको बता चुका हूं. लेकिन यह कोई गुल्ली डंडे का खेल नहीं है कि आपने डंडे से गोली मारी, किसी को लग गई और आपने सॉरी कह दिया और फिर बात आगे बढ़ा दी.

अब आगे आप विदेश नीति के मामले में क्या देखते हैं?
खुर्शीद: मुझे लगता है प्रधानमंत्री को इस मामले पर नए सिरे से विचार करना चाहिए. अब वह माफी मांग लेंगे या नीति में बदलाव करेंगे. कैसे करेंगे यह उनको देखना है लेकिन डैमेज कंट्रोल तो करना ही होगा वरना भारत का केस दुनियाभर में कमजोर हो जाएगा.

 

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