
जयपुर में रिजॉर्ट के बाहर महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए पहल की पहली खबर सामने आई है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई रिजॉर्ट के बाहर आए और कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार थी तब उन्होंने महाराष्ट्र के लिए काफी काम किए हैं. शिवसेना के साथ कांग्रेस के केंद्र में रहने के दौरान रिश्ते काफी अच्छे थे, इसलिए शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.
पिछले 2 दिनों से रिजॉर्ट के बाहर कांग्रेस के नेता कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस सांसद के इस बयान को अहम माना जा रहा है. जयपुर से 20 किलोमीटर दूर ब्यूना विस्ता स्पा रिजॉर्ट में ठहरे 44 विधायकों में से करीब 37 विधायकों ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने की सहमति दे दी है और विरोध करने वाले बाकी विधायक भी सोनिया गांधी के फैसले पर निर्भर हैं. उन्होंने भी कहा है कि अगर कांग्रेस आलाकमान शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहता है तो वे पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं जाएंगे.
44 विधायकों की मीटिंग
कल दिन भर महाराष्ट्र के प्रभारी मलिकार्जुन खड़गे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण के साथ महाराष्ट्र कांग्रेस के सभी 44 विधायकों की मीटिंग हुई. इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति शासन लागू होने से राज्य में बीजेपी मजबूत होगी और हम दोबारा चुनाव में जाते हैं तो राम मंदिर फैसले का असर चुनाव में दिखेगा और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, अगर ऐसी परिस्थिति बनी तो कांग्रेस राज्य में फिर से 10 साल के लिए पीछे चली जाएगी. दिल्ली में फैसला होते ही किसी भी वक्त यह विधायक महाराष्ट्र के लिए रवाना हो सकते हैं.