
दिल्ली सरकार की ओर से चीन की कंपनी को सीसीटीवी लगाने का ठेका देने के विरोध में कांग्रेस ने रविवार को मार्च निकाला. दिल्ली का खराब मौसम और आंधी तूफान भी कांग्रेस के कैंडल मार्च रोक नहीं सके. पार्टी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने ठेके देने के नाम पर घोटाला किया है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी लगाने के नाम पर 571 करोड़ का घोटाला किया है जिसके विरोध में हम लोग आज सड़कों पर उतरे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सारे नियमों को ताक पर रख कर एक कंपनी को फायदा पहूंचाने के लिए ये करार किया गया है.
अजय माकन ने कहा कि दिल्ली की सुरक्षा की निगरानी का जिम्मा चीन के हाथ में देने की एक साजिश है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में डेढ़ लाख कैमरे चीन की कंपनी लगाएगी, लेकिन हम अपनी सुरक्षा चीन के हाथों में क्यों दें. साथ ही माकन ने आरोप लगाया कि महिला सुरक्षा के नाम पर केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार कर रही है. इस सरकार का असली मकसद पैसा खाना है.
दिल्ली कांग्रेस का आरोप है कि इस प्रोजेक्ट को पहले 130 करोड़ में मंजूरी मिली थी लेकिन बाद में बगैर किसी वित्तीय कमेटी ने इस रकम को 571 करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया. पीएसयू के नाम पर ये काम प्राइवेट कंपनी को दिया गया है जिस प्राइवेट कंपनी को ये काम दिया गया उसे चीन की सरकार चलाती है. इसी कंपनी ने करार के लिए पहले भी एप्लाई किया था लेकिन तब इसे मंजूर नहीं किया गया क्योंकि ये उनकी टेंडर लिस्ट में नहीं आती है.
अजय माकन ने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्रालय ने यह ठेका दिया था अब वो भी अपना पल्ला छुड़ाना चाहते है. उप राज्यपाल और अरविंद केजरीवल दोनों मिले हुए हैं.